स्वतंत्र बोल
दुर्ग 21 जनवरी 2025. जिला सहकारी बैंक दुर्ग में करोडो का गबन करने वाले 09 कर्मियों को स्टाफ कमेटी के निर्णय अनुसार बर्खास्त कर दिया। दोषी कर्मचारी लंबे समय से बैंक को दीमग की खोखला कर रहे थे। वर्षो से जमे इन कर्मियों ने बैंक को करोडो का आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। सभी प्रकरण साल 2016 से 2023 के बीच का बताया जा रहा है, इस दौरान कई सीईओ बदल गए पर किसी ने भी कार्यवाही की हिम्मत नहीं दिखाया। राजनीतिक और प्रशासनिक सरंक्षण में घोटालेबाजो की संख्या लगातार बढ़ते क्रम पर थी। कहा तो यह भी जा रहा कि बैंक में प्रसाशनिक अधिकारियो की प्राधिकृत होने पर ऐसी कार्यवाही हो पाई है।
जिला सहकारी बैंक के सीईओ पर आरोप, पंजीयक से शिकायत.. करोडो के गबन पर नहीं हुआ एफआईआर
बैंक के बेमेतरा जिला अंतर्गत 16 सहकारी समितियों में जो खेला हुआ है। बैंकिंग से जुड़े सूत्रों के अनुसार जाँच वर्षो से बैंक में धूल खाते पड़ा था, पर किसी भी सीईओ ने धूल झाड़ना उचित नहीं समझा। आठ सालो में अधिकांश समय श्रीमती अपेक्षा व्यास, सुरेंद्र जोशी, प्रभात मिश्रा सीईओ पोस्टेड थे। घोटालेबाज इन्ही कर्मियों को सरंक्षण देने का आरोप दुर्ग के तत्कालीन सीईओ श्रीमती अपेक्षा व्यास पर लगा था, और उनकी शिकायत पंजीयक सहकारिता विभाग को हुआ था। अधिकांश शिकायते गबन- घोटालेबाजो को सरंक्षण देने और अपराध दर्ज नहीं कर सेटलमेंट करने का था। बैंक की पूर्व सीईओ श्रीमती व्यास के समय ही तालपत्री, सुतली, कांटा तराजू और बारदाना खरीदी में गड़बड़ी की शिकायते थी, जिस पर जांच जारी है। ऋण असंतुलन सर्वाधिक बेमेतरा जिले हुआ है। जिसकी जाँच रिपोर्ट बैंक में फाइलों के बीच दबी है, संभव है जोशी के सीईओ बनने के बाद उन पर कार्यवाही होगी।
