स्वतंत्र बोल
रायपुर 15 मार्च 2025. राजस्व विभाग में तबादले किये नायब तहसीलदार और तहसीलदारों ने छह महीने बाद भी ज्वाइन नहीं किया है। राज्य शासन ने सितंबर 2024 में 100 से अधिक तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का तबादला आदेश जारी किया था, छह महीने बाद भी राजस्व अधिकारियो ने स्थानांतरित जगहों पर ज्वाइन नहीं किया है।
राजस्व विभाग द्वारा 13 सितम्बर 2024 को 49 तहसीलदार और 52 नायब तहसीलदारों का तबादला आदेश जारी किया था। शासन द्वारा ट्रांसफर करने पर नाराज अधिकारियो ने ज्वाइन करने की बजाये हाईकोर्ट स्टे लेकर आ गए। शासन ने जिन अधिकारियो का ट्रांसफर किया था, उनमे अधिकांश राजधानी और मैदानी इलाको में पोस्टेड थे। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता अधिकारियो को फौरी तौर पर रहत देते हुए 45 दिनों के भीतर उच्चाधिकारियों को अभ्यावेदन देने के निर्देश दिए थे, अभ्यावेदन भी ख़ारिज हो चूका है।
छह महीने बाद भी रिलीव नहीं-
शासन द्वारा 13 सितंबर 2024 को जारी आदेश में अधिकारियो ने 07 दिनों के भीतर स्थानांतरित जगहों में ज्वाइन करना था, ऐसा नहीं करने पर सात दिनों बाद स्वमेव भार मुक्त हो जाते। शासन के आदेशों का छह महीने बाद भी कुछेक अधिकारियो ने पालन नहीं किया है और अभी भी जोड़ तोड़ में लगे हुए है। ट्रासंफर में प्रभावित होने वाले अधिकांश अधिकारियो ने जोइनिंग करने की जगह हाईकोर्ट से स्टे लेकर आ गए तो कुछेक अधिकारी ऐसे है जिन्होंने बिना किसी आदेश के अब तक जोइनिंग नहीं दी है। जिसमे तहसीलदार प्रेरणा सिंह को रायपुर से महासमुंद राजकुमार साहू, राकेश देवांगन को रायपुर से बलरामपुर रामानुजगंज, विवेक पटेल को बलौदा बाजार से सुकमा डॉ अंजलि शर्मा को दुर्ग से धमतरी, अजय चंद्रवंशी को रायपुर से बीजापुर भेजा गया था। इन अधिकारियो ने अब तक ज्वाइन नहीं किया और बिना संसोधन आदेश के राजधानी के विभिन्न सरकारी कार्यालायों में पोस्टेड है। विश्वस्त जानकारी अनुसार राकेश देवांगन और राजकुमार साहू स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में, प्रेरणा सिंह मातृत्व अवकाश में, तो अंजलि शर्मा नगर निगम में उपायुक्त बनी हुई है।
ट्रासंफर में वसूली के आरोप-
ट्रासंफर आदेश जारी होते ही लेनदेन के आरोप लगे थे। कनिष्ट सेवा अधिकारी संघ के अध्यक्ष नीलमणि दुबे ने खुले तौर पर मंत्री पर लेन देन कर ट्रासंफर पोस्टिंग करने का आरोप लगाया था, जिसके बाद दुबे को सस्पेंड कर दिया गया। ट्रासंफर होने, उनमे संसोधन और ज्वाइन नहीं करने से दुबे के आरोपों सही प्रतीत हो रहे है। राजधानी में तहसीलदार रहे अजय चंद्रवंशी का बीजापुर ट्रांसफर हुआ था, जिसे बाद में संसोधित कर गरियाबंद कर दिया गया। चंद्रवंशी प्रतिदिन राजधानी से फिंगेश्वर तहसील आवाजाही करते है। साढ़े तीन सालो से बलौदा बाजार जिले में पदस्थ विवेक पटेल ने तबादला होने के बड़ा भी ज्वाइन नहीं किया, जबकि दिसंबर 2024 में उसे एकतरफा भारमुक्त किया जा चुका है। नायब तहसीलदार ज्योति सिंह को बीजापुर भेजा गया था, जिसे जॉइनिंग के पहले ही संसोधित कर रायपुर कर दिया गया।
शासन द्वारा जारी आदेश में 07 दिनों के भीतर ज्वाइन करने के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी इन अधिकारियो ने ज्वाइन नहीं किया है। ऐसे में राजस्व सचिव को ध्यान देना चाहिए।
