स्वतंत्र बोल
रायपुर 18 जनवरी 2025. विवादित अधिकारी रहे सुरेंद्र जोशी को जिला सहकारी बैंक दुर्ग का सीईओ अपॉइट करने के बाद जिला सहकारी बैंको सहित अपैक्स बैंक में हड़कंप मचा हुआ है। बैंकिंग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी यही जानने में जुटे है कि आखिर हुआ कैसे ? जिस अधिकारी पर दर्जनों गंभीर अनियमितताये प्रमाणित है, और एक राजनितिक पार्टी के प्रति समर्पित है, उन्हें आनन् फानन में सीईओ कैसे अपॉइंट किया गया ? इसके पीछे के घटनाक्रम को स्वतंत्र बोल ने ढूंढा तो चौकाने वाली जानकारी सामने आई।
सीईओ सुरेंद्र कुमार जोशी अप्रैल 2024 में सस्पेंशन के बाद मुख्यालय अपैक्स बैंक नवा रायपुर अटैच किये गए थे। एमडी अपैक्स बैंक के सहयोग से हाईकोर्ट से बहाली ऑर्डर ले आये, और फिर दोबारा पोस्टिंग के लिए दरबारी बने। अधिकारियो के अनुसार हाईकोर्ट के आदेशों पर बहाली के बाद भी जोशी अपैक्स बैंक में कोई काम नहीं किया, उन्हें प्रत्येक महीने 3 लाख की भारी भरकम सैलेरी मिलती रही। वे दुर्ग या रायपुर जिला सहकारी बैंक के सीईओ बनने प्रयासरत थे, रायपुर का सीईओ बनाने पर अपेक्षा व्यास को दुर्ग भेजा जाता। अपेक्षा व्यास की कार्यप्रणाली से परिचित दुर्ग बीजेपी के नेताओ ने तीन महीने पहले ही आपत्ति किया था, ऐसे में व्यास को रायपुर कंटिन्यू कर जोशी को आचार सहिंता प्रभावशील होने के पहले दुर्ग सीईओ अपॉइंट कर दिया गया। जोशी के दुर्ग सीईओ अपॉइंट होने का एक और बड़ा कारण मकर संक्रांति के पहले अपैक्स बैंक मुख्यालय में हुई बैठक को बताया जा रहा है। बैठक में सभी जिला सहकारी बैंको के सीईओ मौजूद थे और उन्हें एमडी ने एक टास्क दिया है।
कांडे की भूमिका-
सुरेंद्र कुमार जोशी और एमडी कमलनरायण कांडे दोनों ही दुर्ग से आवाजाही करते है, दोनों ही स्व-जातीय बंधु भी है। जिसके चलते जोशी पर दर्जनों गंभीर आरोप और जाँच रिपोर्ट प्रमाणित होने के बाद भी एमडी ने कार्यवाही में दिलचस्पी नहीं दिखाया। अपुष्ट खबरों के अनुसार जोशी को सीईओ अपॉइंट कराने करीब 25 लाख रुपये खर्चे किये गए है। बताते है कि डीसीसीबी दुर्ग में धान खरीदी के लिए तालपतरी, सुतली, तराजू सहित सामानो को बाजार भाव से चारगुने कीमत पर ख़रीदा गया है, जिस पर विधानसभा में सवाल उठने पर जाँच की घोषणा की गई है। जिसके चलते मौजूदा सीईओ ने भुगतान करने हिम्मत नहीं दिखाया तो जोशी ने व्यापारियों को आश्वस्त किया था कि उनके सीईओ बनने पर सब ठीक हो जायेगा। ऐसे में कुछ धन संकलन उन व्यापारियों ने भी किया है, हालाँकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
दुर्ग बैंकिंग सूत्रों के अनुसार दुर्ग सीईओ अपॉइंट होने से श्री जोशी इतने खुश है कि वे अपना ट्रांसफर ऑर्डर खुद लेकर दुर्ग हेड ऑफिस पहुंचे और आवक में देकर चार्ज ले लिया। जबकि नियमतः ट्रांसफर ऑर्डर ईमेल या दूसरे माध्यमों से संबंधितो को भेजा जाता है। पंजीयक सहकारिता विभाग कुलदीप शर्मा ने कहा कि
“रूटीन प्रक्रिया अंतर्गत पोस्टिंग की गई है, कही कोई गड़बड़ी होने की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी।”
