Guillain Barre Syndrome से मरने वाले में थे कौन-कौन से लक्ष्ण? पुणे में केस 100 के पार

स्वतंत्र बोल
महाराष्ट्र 27 जनवरी 2025.
महाराष्ट्र में जीबीएस यानी गुइलेन बैरे सिंड्रोम के कारण एक संदिग्ध की मौत की खबर सामने आई है। हालांकि, अभी व्यक्ति की मौत संदिग्ध बताई जा रही है, तो आशंका है कि उसकी मौत इस बीमारी से ही हुई है।पुणे में इसके मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस वक्त पुणे में इसके 101 एक्टिव केस मौजूद हैं। इन मामलों के बढ़ने के बाद से ही इलाके में जागरूकता और सावधानियां बढ़ गई हैं। GBS एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जो शरीर की इम्यून सिस्टम पर अटैक करती है। आइए जानते हैं इस बीमारी के संकेतों के बारे में विस्तार से।

Guillain Barre Syndrome क्या है?

जीबीएस एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम ही न्यूरो सिस्टम पर अटैक करता है। यह नर्वस को नुकसान पहुंचाती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और लकवा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह अचानक से शुरू होता है और आमतौर पर सबसे पहले पैरों में कमजोरी और झुनझुनी जैसा संकेत देता है।

Guillain Barre Syndrome:  संदिग्ध में पाए गए ऐसे लक्षण

दरअसल, इस बीमारी से हुई संदिग्ध को सोलापुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जिसकी उम्र 40 वर्ष बताई गई थी। मृतक को सर्दी-खांसी और सांस लेने में दिक्कत जैसे संकेत दिखाई दिए थे, जिसके बाद मरीज को पहले ICU वॉर्ड में भर्ती करवाया गया था, मगर कुछ दिनों बाद जब उसकी हालत में थोड़ा सुधार देखा गया, तो उसे जनरल वार्ड में शिफ्ट करवा दिया गया था। उसके बाद उसे सांस लेने में दिक्कत हुई, जिसके बाद दोबारा आईसीयू में भर्ती करवाने के बाद उसकी मौत हो गई। मृतक की मौत से पहले लकवा भी हुआ था।

Guillain Barre Syndrome: गुइलेन बैरे सिंड्रोम के संकेत

1. पैरों और हाथों में कमजोरी

जीबीएस का सबसे सामान्य लक्षण शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों में कमजोरी है, जो धीरे-धीरे शरीर के ऊपरी भागों में बढ़ सकता है। यह कमजोरी हाथों तक भी पहुंच सकती है, जिससे इंसान को खड़े होने या चलने में दिक्कत हो सकती है।

2. झुनझुनी और दर्द

मरीज को शरीर के कई हिस्सों में झुनझुनी और जलन महसूस हो सकती है, खासकर पैर और हाथों में। यह लक्षण शुरुआती दिनों में हल्के हो सकते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ सकते हैं।

3. सांस लेने में दिक्कत

अगर जीबीएस का असर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर पड़ता है, तो इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। यह स्थिति गंभीर होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

4. फेशियल मूवमेंट में दिक्कत

इसमें मरीज को चेहरे, आंखों और मुंह की मांसपेशियों में झुनझुनाहट हो सकती है। आंखों को घुमाने में दिक्कत हो सकती है। इसके साथ-साथ छाती में पैरालिसिस भी हो सकता है।

5. हार्ट बीट बढ़ना

इस बीमारी में इंसान के दिल की धड़कनों में अचानक से तेजी महसूस होती है। यह आमतौर पर नहीं होता है लेकिन इस बीमारी में ज्यादा महसूस होता है।

इसके अलावा, पेशाब कंट्रोल करने में दिक्कत होना, हार्ट बीट बढ़ना, थकान और बुखार आना। इस वक्त पुणे में इस सिंड्रोम के 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें बच्चों और बूढ़ों की संख्या अधिक है।

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