1560 करोड़ के कौन से खतरनाक टैंक मंगा रहा भारत? जानें इस डील के पीछे का बड़ा प्लान

1560 करोड़ के कौन से खतरनाक टैंक मंगा रहा भारत? जानें इस डील के पीछे का बड़ा प्लान

स्वतंत्र बोल
23 जनवरी 2025.
यह डील आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत की गई है. इसका उद्देश्य सेना की ताकत और गतिशीलता को बढ़ाना है. भारी वाहन निर्माणी (एचवीएफ) बख्तरबंद वाहन निगम लिमिटेड (एवीएनएल) की एक इकाई है.


 ब्रिज लेइंग टैंक एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो युद्ध के दौरान पुल बनाने का काम करता है. बख्तरबंद वाहनों और सेना के बड़े बेड़ों को नदी, खाई या अन्य बाधाओं को पार करने में मदद करता है.

इससे युद्ध के मैदान में गतिशीलता और आक्रामक क्षमता बढ़ती है. रक्षा मंत्रालय के अनुसार मौजूदा डील के तहत खरीद (भारतीय-स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) होने से रक्षा क्षेत्र में मेक-इन-इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा.

यह परियोजना समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और देश में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. इस टैंक का वजन 49 टन है, जिसमें तीन लोगों के बैठने की क्षमता है.

बीएलटी टी-72 की ब्रिज प्रणाली में एक लॉन्चिंग मैकेनिज्म, हाइड्रोलिक सिस्टम, सपोर्टिंग सिस्टम, एक इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल सिस्टम और खुद ब्रिज स्ट्रक्चर शामिल है.

BLT को T-72M1 टैंक चेसिस पर बनाया गया है और इसमें 780-हॉर्सपावर का इंजन लगा है. सड़क पर इसकी स्पीड 60 किमी/घंटा है और यह टैंक 25 डिग्री तक की ढलानों को पार कर सकता है.

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