बिलासपुर 09 सितम्बर 2023: डॉक्टरों को पर्ची में जेनेरिक दवाओं के नाम कैपिटल अक्षर में लिखे जाने के आदेश के बावजूद इसका पालन नहीं होने पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्टेट मेडिकल कौंसिल से जवाब दाखिल करने कहा है।
WhatsApp Group
|
Join Now |
Facebook Page
|
Follow Now |
Twitter
|
Follow Us |
Youtube Channel
|
Subscribe Now |
जनहित याचिका में कहा गया है कि भारतीय चिकित्सा परिषद् 2002 के नियमों में संशोधन कर देश के सभी चिकित्सकों को जेनेरिक दवाओं के नाम स्पष्ट और कैपिटल अक्षर में लिखने का निर्देश दिया जा चुका है। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ में भी स्वास्थ्य विभाग ने सभी सरकारी व निजी अस्पतालों के अधीक्षक, सीएमएचओ, सिविल सर्जन, आईएमए आदि को पत्र लिख लिखा था। इसके बावजूद डॉक्टर जेनेरिक की जगह ब्रांडेड दवाओं के नाम लिख रहे हैं। जो डॉक्टर जेनेरिक दवा की पर्ची दे रहे हैं, वे स्माल लेटर में दवा के नाम लिख रहे हैं, जो मरीज को समझ नहीं आता। इसका फायदा उठाते हुए दुकानदार उसकी जगह दूसरी महंगी दवा दे देते हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा था। उसकी ओर से कहा गया कि इस संबंध में आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है। यदि डॉक्टर ऐसा नहीं कर रहे हैं तो पर्चियों की जांच की जाएगी। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने प्रकरण में स्टेट मेडिकल कौंसिल को भी पक्षकार बनाते हुए चार सप्ताह के भीतर अतिरिक्त शपथ-पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।
अमन सिंह ने हाईकोर्ट में दायर की नई याचिका

हिन्दी न्यूज़ की सबसे तेजी से उभरती हुई वेबसाइट और हिंदी मासिक पत्रिका है। देश-प्रदेश की राजनीतिक, समसामयिक, ब्यूरोक्रेसी, शिक्षा, नौकरी, मनोरंजन, बिजनेस और खेलकूद सहित आम जन सरोकारों वाली खबरों के लोगो तक पहुंचाना, खबरों के माध्यम से उनके जीवन में बदलाव लाना ही हमारा उद्देश्य है।