जब सदन में भिड़े डॉ रमन और भूपेश: कोल परिवहन में गड़बड़ी के आरोपों पर हंगामा, जाँच की मांग करता रहा विपक्ष.. सीएम भूपेश बोले पूरे नियमो से जारी हुआ टेंडर

रायपुर 22 मार्च 2023.  बुधवार को विधानसभा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच कोल परिवहन को लेकर तीखी बहस हुई। पूर्व सीएम डॉ रमन ने कोल परिवहन के निविदा में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाया और विधानसभा की समिति से जाँच की मांग की। प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने रायगढ़ के गारे पलमा कोल ब्लॉक के कोयला परिवहन के रेट और टेंडर में गड़बड़ी का का मामल उठाया। पूर्व मुख्यमंत्री ने दोगुने कीमत में परिवहन कराने का आरोप लगाया और कहा कि
“परिवहन का टेंडर दोगुने दर पर दिया गया, एसईसीएल के रेट से दोगुने कीमत पर टेंडर जारी किया गया। एसईसीएल 40 किलोमीटर के लिए 210 रूपये कीमत तय किया है जबकि पॉवर कंपनी 466 रुपये प्रति मीट्रिक टन के हिसाब से भुगतान कर रही है..अतिरिक्त पैसा कहा जा रहा है ? उन्होंने टेंडर निरस्त करने की मांग की।”
पूर्व मुख्यमंत्री के आरोपों पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अन्य कंपनियों एनटीपीसी और एनएचपीसी के टेंडर रेट का तुलनात्मक ब्यौरा देकर किसी भी प्रकार के गड़बड़ी से इंकार किया। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन ने अपने सवालो पर अड़े रहे और विधानसभा की समिति से जाँच कराने की मांग की। जिससे मुख्यमंत्री भूपेश ने तीखा जवाब देते हुए कहा कि
“आपके कार्यकाल में में सारे नियम बनाये गए थे, उन्ही नियमो के अनुसार काम हो रहा है। परिवहन कार्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निविदा बुलाई गई थी, सभी लोकप्रिय समाचार पत्रों में निविदा जारी की गई थी, जिसमे देश भर से चार कम्पनियो ने हिस्सा लिया। जिनमे दो कंपनी अपात्र पाए गए। मेसर्स बर्बरीक प्रोजेक्ट लिमिटेड को काम दिया गया है।”
सीएम के जवाब से असंतुष्ट डॉ रमन ने कहा कि एसईसीएल ने नोटिफिकेशन जारी किया है, जब एसईसीएल की गाइड लाइन बानी हुई है तो छत्तीसगढ़ के उपक्रम के लिए रेट क्यों तय किया गया ? प्रति मीट्रिक टन ढाई सौ रुपये अतिरिक्त वसूली हुई। पूर्व सीएम के सवालो पर तल्खी दिखाते हुए मुख्यमंत्री भूपेश ने कहा कि
“ये केमिकल लोचा है, एसईसीएल कब से चल रहा और उसके नियम पहले से बने हुए है। अलग अलग जगहों का रेट अलग है,मुख्यमंत्री भूपेश ने जोर देकर कहा कि पूरी प्रक्रिया का पालन कर टेंडर जारी किया गया और कही कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।”
इस मामले पर हंगामा हुआ, बीजेपी सदस्य जाँच की मांग करते हुए अड़े रहे और फिर वाकआउट कर दिया।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का प्रमोशन और तबादले

 

 

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