रायपुर 31 मार्च 2023. निर्धारित योग्यता के नहीं होने के बाद भी फर्जी दस्तावेजों के सहारे कुलसचिव पद पर चयनित हुए रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार को बचाने विश्वविद्यालय प्रबंधन एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। विश्वविद्यालय के ही कुछ कर्मियों द्वारा शैलेन्द्र पटेल को कुलसचिव बनाने अनेको तरह के उपाय किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर निजी लाभ के उद्देश्य से गलत कार्यो को सरंक्षण देने में जुटे है, इसके लिए वे कर्मियों को धमका रहे है।
जानकारी अनुसार विश्वविद्यालय में पदस्थ कुछ असिस्टेंट प्रोफ़ेसर और वकील व्यक्तिगत लाभ के लिए नियम विपरीत चयनित हुए शैलेन्द्र पटेल को रविशंकर शुक्ल विश्वद्यालय का कुलसचिव बनाने जुटे है ताकि उनका कोष बढ़ता रहे। विधि विभाग में पदस्थ एक असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पटेल का अघोषित तौर पर क़ानूनी सलाहकार बना हुआ है, फर्जीवाड़े में जेल की हवा खाने वाले एपी अब पटेल को जेल जाने से बचाने प्रयासरत है, तो बायोटेक्नोलॉजी विभाग में पदस्थ असिस्टेंट प्रोफेसर उनके राजनीतिक सलाहकार बना हुआ है। दैनिक वेतनभोगी से लैब अटेंटेंड फिर एलडीसी बने एक कर्मी ने पटेल के खिलाफ होने वाली जाँच को प्रभावित करने उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ कर्मी को धमकाया भी था। बताते है कि उक्त कर्मी का वर्षो बाद भी पुलिस सत्यापन नहीं हुआ है। उधर रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के लिए हाईकोर्ट में पैरवी करने वकील नीरज चौबे शैलेन्द्र पटेल के वकील है।
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