जिला सहकारी बैंक में तबादला, मोहन को महासमुंद भेजा.. सीईओ बोली- बिना किसी प्रभार के किया ट्रांसफर

स्वतंत्र बोल
रायपुर 15 नवंबर 2024.  गबन और घोटाले का गढ़ बने राजधानी के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में प्रबंधन भ्रष्ट कर्मियों के दबाव में है। बैंक को करोडो चूना लगाने वाले और वर्षो से मुख्यालय में अंगद की तरह जमे कर्मियों को दो महीना पहले सीईओ अपेक्षा व्यास ने स्थानान्तरित किया था, अब उनकी वापसी होने लगी है। अगस्त के अंतिम सप्ताह में सीईओ श्रीमती व्यास ने सहायक लेखापाल मोहन लाल साहू को गरियाबंद, नरेश बैस को महासमुंद, रिफत जबीं सुल्तान को बसना, जमुना तांडी को धमतरी और ममता वर्मा को भाटापारा जिला सहकारी बैंक ट्रांसफर किया था। सभी लम्बे समय से मुख्यालय में पदस्थ थे, दो महीने के अंतराल में ही मोहन साहू को गरियाबंद से हटाकर राजधानी के नजदीक महासमुंद ट्रांसफर किया है.. जिसके बाद से बैंक में अनेक तरह चर्चाये है।

 

सीईओ श्रीमती अपेक्षा व्यास

घोटालेबाज कर्मियों का ट्रांसफर: वर्षो से कुर्सी से चिपके भ्रष्ट कर्मियों का तबादला, खातों में लाखो रुपये जमा करने वालो की बर्खास्तगी क्यों नहीं ?

मोहन साहू बैंकिंग कर्मचारी संघ का अध्यक्ष है, और बैंक में हुए बड़े घोटाले का मास्टरमाइंड बताया जाता है। बैंकिंग सूत्रों के अनुसार साहू के ट्रांसफर के आदेश में सीईओ ने 18 लाख के गबन का उल्लेख करते हुए गरियाबंद पोस्टिंग किया था, जिससे नाराज कर्मचारी नेता ने सीईओ अपेक्षा व्यास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जिसके बाद से जिला सहकारी बैंक दुर्ग में हुए करोडो की गड़बड़ी का मामला मीडिया मे सुर्खियों मे रहा.. तो कर्मचारी संघ ने सीईओ को हटाने सहकारिता विभाग को पत्र भी लिखा था।

..तो क्या सेटिंग हो गई ??


जिला सहकारी बैंक दुर्ग में सीईओ रहते श्रीमती अपेक्षा व्यास पर आर्थिक अनियमितता के आरोप लगे थे, समाचार पत्रों में श्रीमती व्यास के कारनामो की खबरे प्रमुखता से छपने लगी थी, तो सत्ताधारी दल के नेताओ ने सीईओ अपेक्षा व्यास को जिला सहकारी बैंक रायपुर से हटाने सहकारिता सचिव को पत्र भी लिखा था। बैंकिग सूत्रों के अनुसार इन सबके पीछे कर्मचारी नेता का हाथ बताया जाता है। उधर गरियाबंद ट्रांसफर से आक्रोशित कर्मचारी नेता ने सहकारिता मंत्री, अपैक्स बैंक के एमडी और बीजेपी नेताओ के बंगले में चक्कर लगाकार वापसी की गुहार लगाया था, चर्चा है कि अपैक्स बैंक के एमडी के रिश्तेदार बागड़े और ठाकुर ने सीईओ और कर्मचारी नेता के बीच मध्यस्थता कराया है। इस मामले पर सीईओ श्रीमती अपेक्षा व्यास ने कहा कि

“कर्मचारी नेता होने के नाते मोहन साहू ने ट्रांसफर का आवेदन किया था, जिसके बाद उसका तबादला महासमुंद किया गया है,, उसे कोई भी चार्ज नहीं दिया गया है।”

चोरी और सीनाजोरी: पहले किया करोडो का गबन, अब सीईओ के खिलाफ खोला मोर्चा

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