स्वतंत्र बोल
रायपुर 29 अगस्त 2024. राजधानी के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीओडी शाखा में वर्षो से जमे कर्मचारियों का तबादला किया गया है। जिन कर्मियों का ट्रांसफर किया गया वे सभी सीओडी शाखा में हुए करोडो के घोटाले में शामिल है। बैंक के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सहायक लेखापाल मोहन लाल साहू को गरियाबंद, नरेश बैस को महासमुंद, रिफत जबीं सुल्तान को बसना, जमुना तांडी को धमतरी और ममता वर्मा को भाटापारा जिला सहकारी बैंक भेजा गया है। मोहन लाल साहू कर्मचारी संघ का नेता है जो विगत 25 वर्षो से सीओडी शाखा में पदस्थ था, बाकी अन्य कर्मी भी लंबे समय से अंगद की तरह जमे हुए थे। इनके आलावा 80 से अधिक कर्मचारी भी दस वर्षो से अधिक समय से एक ही शाखा में पदस्थ है।
जिला सहकारी बैंक के सीईओ पर आरोप, पंजीयक से शिकायत.. करोडो के गबन पर नहीं हुआ एफआईआर
सीओडी शाखा में योजनाबद्ध तरीके से हुए करोडो के घोटाले में इन कर्मियों के खाते में लाखो रुपये जमा हुआ था। जाँच प्रतिवेदन के अनुसार कर्मचारी नेता बनकर राजनीति चमकाने वाले मोहन लाल साहू के खाते में 18,08,000 रुपये, रिफत जबीं सुल्तान के खाते में 58,94,092 रुपये, जमना टांडी नाग के खाते 20,70,865 रुपये, नरेश बैस के खाते में 53000 रुपये और ममता वर्मा के खाते में 10000 रुपये जमा हुआ था। बताते है कुछ राशि इन कर्मियों नेबैंक प्रबंधन को लौटाया है।
बर्खास्तगी क्यों नहीं ?
सरकारी धन का बंदरबांट कर बैंक की साख ख़राब करने वाले कर्मियों को नियमानुसार बर्खास्त कर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया जाना था, पर प्रबंधन ने कर्मियों का तबादला किया है। गड़बड़ी में दोषी पाए गए कर्मियों का तबादला होना बैंक में चर्चा कला विषय बना हुआ है। चर्चा है कि प्रबंधन तबादला कर घोटाले पर समुचित कार्यवाही की बजाए पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।
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