बिलासपुर 21 मार्च 2023: नशे के कारोबारियों पर लगाम लगाने के लिए बिलासपुर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे निजात अभियान के तहत पुलिस ने एक ऐसी नशीली दवा पकड़ी है जिसका इस्तेमाल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर अपने सैनिकों को हिंसक व बर्बर बनाने के लिए करता था। ट्रेन के माध्यम से न्यायधानी पहुंचे इस खतरनाक नशीली दवा को बिलासपुर पुलिस के तारबाहर थाने व एसएसीयू की संयुक्त टीम ने पकड़ी है। साथ ही ट्रेन के अटेंडर को इस मामले में गिरफ्तार किया है। मामला तारबाहर थाना क्षेत्र का है।
बिलासपुर पुलिस के कप्तान संतोष सिंह ने बिलासपुर पोस्टिंग के बाद अवैध नशे के कारोबारियों के खिलाफ ऑपरेशन निजात चलाये है। इस ऑपरेशन के तहत एक ही माह में 635 नशा कारोबारियों को जेल भेजा गया था। निजात अभियान के तहत अवैध नशा कारोबारियों पर कार्यवाही करने में जुटी पुलिस को ट्रेन के माध्यम से बाहर से नशीली दवा आने की जानकारी मिली। जानकारी लगने पर तारबाहर थाना प्रभारी मनोज नायक एसीसीयू प्रभारी धर्मेंद्र वैष्णव व उनकी टीम ने अपने मुखबीरो को सक्रिय किया और लगातार नशे की तस्करी पर बारीक नजर रखी।
इसी दौरान तार बाहर पुलिस को सूचना मिली कि हाई प्रोफाइल पार्टियों में नशीली दवाओं की सप्लाई के लिए कुछ लोग दिल्ली से शहर आने वाले हैं। यह लोग दिल्ली और मुंबई की ओर से आने वाली ट्रेन का उपयोग करते हैं और नशीली दवाओं की सप्लाई के लिए ट्रेन में अटेंडर का काम करने वाले वर्कर को इसमें शामिल किया गया है। सूचना पर तारबहार थाना प्रभारी मनोज नायक और एसीसीयू की प्रभारी धर्मेन्द्र वैष्णव की टीम लगातार नशा सप्लायर का लोकेशन लेते हुए संदेहियो पर नजर रख रही थी।
इसी दौरान तारबाहर पुलिस को तारबाहर थाना क्षेत्र के साईं मंदिर के पास उक्त संदिग्ध युवक दिखा जिसे पकड़कर पूछताछ में उसने अपना नाम ओम कुमार जाटव उम्र 21 वर्ष निवासी किरवाड़ा जिला करौली राजस्थान बताया। यह युवक राजधानी एक्सप्रेस में अटेंडर का काम करता है, पूछताछ के दौरान उसकी संदिग्ध हरकतों को देखते हुए पुलिस जवानों ने उसकी तलाशी ली जिससे उसके पास 6 प्लास्टिक जीपर पैकेट मिला, जिसमें 6 ग्राम मेथममेटाफाइन मिली।
उक्त ड्रग को आमतौर पर गति, एक्सटेसी एमडीएमए, मौली आदि के रूप में जाना जाता है, यह एक मनोसक्रिय दवा है,जो मुख्य रूप से मनोरंजक उद्देश्य एवं शक्ति को बढ़ाने में की जाती है। इसके प्रभाव से संवेदनाएं बढ़ना, उर्जा बढ़ना,गुस्सा आना और मोटापा आना संबंधित है। इसे बोलचाल की भाषा में क्रिस्टल मेथ और गति भी कहते हैं। उक्त मादक पदार्थ को जप्त कर पुलिस आरोपी से इसे उपलब्ध कराने वालों और शहर में उपयोग करने वालों की महत्वपूर्ण जानकारी जुटा रही है।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर अपने सैनिकों पर करता था प्रयोग
इस नशीली दवा का इलाज सर्वप्रथम जर्मनी के वैज्ञानिकों ने किया था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हिटलर अपने सैनिकों को हिंसक बनाने के लिए इसका उपयोग करता था, यही दवा बड़ी पार्टियों में नशे के रूप में उपयोग हो रही है। महंगी होने के कारण यह महंगे होटलों में आयोजित पार्टियों तक ही सीमित है। जब्त 6 ग्राम मादक पदार्थ की कीमत 90 हजार से अधिक है।
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