तिरुपति में मंदिर की रसोई में रोजाना करीब 3 लाख लड्डू बनाए जाते हैं, जिसमें करीब 1,400 किलो घी का इस्तेमाल होता है. इसमें काजू, किशमिश, इलायची, बेसन और चीनी का भी भारी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है.
तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाला तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ई-नीलामी के जरिए सामग्री खरीदता है, जिस पर करीब 500 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. मानवीय हस्तक्षेप को कम करने के लिए 2022 में टेंडरिंग प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया था.
घी के टैंकर राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) द्वारा प्रमाणित होते हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य परीक्षण विश्वसनीय तरीके से किया गया है. प्रसाद के साथ-साथ इसकी मुफ्त भोजन योजना के लिए, तिरुपति में अलीपीरी के पास 2 एकड़ में फैले गोदामों में यह खेप रखी जाती है.
tirumala tirupati laddu : तिरुपति लड्डू बनाने के पीछे की कहानी: कैसे जुटाई जाती है सामग्री
वार्षिक खरीद में 6,100 टन से अधिक घी, 14 टन चीनी, 9,200 टन बंगाल चना, 4,680 टन सोना मसूरी दाल और अन्य सामग्री शामिल हैं, जिनमें किशमिश, काजू, इलायची और सूरजमुखी का तेल शामिल हैं.
केवल आंध्र प्रदेश तकनीकी सेवाओं के साथ पंजीकृत एजेंसियों को ही ई-नीलामी में भाग लेने की अनुमति है. अनुबंध विभिन्न तकनीकी मापदंडों और वित्तीय कारकों के आधार पर दिए जाते हैं. ऐसी एजेंसियों के लिए एगमार्क प्रमाणन और FSSAI लाइसेंस अनिवार्य है. ₹ 1 करोड़ से अधिक के ऑर्डर के लिए ऑनलाइन रिवर्स टेंडरिंग भी अपनाई जाती है.
चर्चा में आई खेप में तमिलनाडु स्थित एआर डेयरी फूड प्राइवेट लिमिटेड के 10 टैंकर घी शामिल हैं. संदिग्ध मिलावट के चलते उनके 4 टैंकरों को रोका गया. नमूनों को जांच के लिए भेजा गया और खेप को अलग रख लिया गया.
एआर डेयरी ने कहा है कि उसकी खेप ने कई प्रयोगशाला परीक्षणों को पास कर लिया है और उनके पास यह साबित करने के लिए दस्तावेज हैं कि मंदिर को भेजा गया घी सभी परीक्षणों में पास हो गया है. डेयरी ने कहा कि उसने तिरुमाला को केवल 0.01 % घी की आपूर्ति की है.
लड्डू में पशु वसा? tirupati laddu beef fat
नायडू सरकार ने इस सप्ताह 17 जुलाई की एक रिपोर्ट को चिन्हित किया जिसमें कहा गया था कि तिरुपति से आए घी के नमूनों में मछली का तेल, गोमांस की चर्बी और सुअर की चर्बी का एक रूप लार्ड पाया गया है. मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानमंडल की बैठक में कहा, “यहां तक कि तिरुपति के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे. उन्होंने घी की जगह पशु वसा का इस्तेमाल किया.” इस साल राज्य चुनाव हारने वाले श्री रेड्डी ने “झूठी रिपोर्ट” पर पलटवार किया और श्री नायडू पर “राजनीति के लिए आस्था का इस्तेमाल” करने का आरोप लगाया. TTD ने भी नायडू के दावों का समर्थन किया है. TTD की कार्यकारी अधिकारी जे श्यामला राव ने कहा कि आपूर्तिकर्ताओं ने इन-हाउस परीक्षण सुविधा की कमी का फायदा उठाया और वे संबंधित ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया में हैं.
लड्डू विवाद सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंच गया है, जहां संविधान के अनुच्छेद 25 के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एक याचिका दायर की गई है, जो धर्म की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी देता है, जिसमें अभ्यास का अधिकार भी शामिल है.CRIME BREAKING : पुलिस चौकी के पास मिली साधुओं की लाश!