स्वतंत्र बोल
रायपुर 30 जून 2024. राजधानी के माना स्थित बाल सम्प्रेषण गृह से शुक्रवार -शनिवार दरमियानी रात 10 बाल आरोपित खिड़की फांदकर फरार हो गए। सभी आरोपित हत्या, बलात्कार, चोरी सहित गंभीर अपराधों में आरोपित है, नाबालिक होने के चलते उन्हें बाल सुधार गृह में रखा गया था। शनिवार दोपहर घटना सामने आने के बाद हड़कंप मचा था, सूत्रों के अनुसार देर रात महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े बाल सुधार गृह निरिक्षण करने पहुंची थी। मंत्री ने महिला बाल विकास विभाग व बाल सम्प्रेषण गृह के अधिकारियो से जवाब तलब किया, लेकिन कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। मंत्री के सवालो से जिम्मेदार निरुत्तर थे, तो जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा का चेहरा देखने लायक था।
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बार बार भाग रहे बच्चे, जिम्मेदारी किसकी?
बाल सुधार गृह से नाबालिक आरोपितों के भागने की इससे पहले भी कई बार घटना हुई है, बीते फरवरी, उसके पहले दिसंबर और सितंबर महीने में 40 से अह्दिक बाल आरोपित भाग चुके है, कुछ पकड़ाए है कुछ अभी भी फरार है। इस घटना के पीछे महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियो की लापरवाही सामने आई है जो नियमित जानकारी नहीं रखते। बाल सम्प्रेषण गृह की अधीक्षिका प्रेमशीला राय, प्रभारी जिला बाल सरंक्षण अधिकारी संजय निराला और परिवीक्षा अधिकारी रामशंकर नेताम, मनीष सोनी है। बीते दो वर्षो में बाल आरोपितों के भागने की आधा दर्ज से अधिक घटनाये हो चुकी है पिछली बार सम्प्रेषण गृह से बाल आरोपितों का चाकू लहराते वीडियो भी वायरल हुआ था। उसके बाद भी किसी भी जिम्मेदार पर विभाग द्वारा कार्यवाही नहीं की गई। दरअसल बार सम्प्रेषण गृह में सुरक्षा और प्रबंधन की जिम्मेदारी जिन कर्मचारियों को दी गई, उनमे अधीक्षक को छोड़ तो बाकी कर्मचारी संविदा में है जिसके बाद खेल को समझा जा सकता है।
गंभीर अपराधों में शामिल-
सुधार गृह से भागे दस बाल आरोपितों की जानकारी सामने आई है जिसमे एक आरोपित बालिक हो चुका हो चुका है। अधिकांश हत्या ,रेप चोरी जैसे घटनाओ में शामिल रहे है।
