“सबसे बड़ी समस्या पटेल है सर” विश्वविद्यालय पहुंचे उच्च शिक्षा सचिव, कर्मियों ने सौपा शिकायतों का पुलिंदा

स्वतंत्र बोल
रायपुर 11 फरवरी 2024.  भ्रष्टाचार का गढ़ बने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में निरीक्षण करने पहुंचे उच्च शिक्षा सचिव को कर्मियों ने शिकायतों का पुलिंदा सौपा। उच्च शिक्षा सचिव बनने के बाद पहली बार आर प्रसन्ना ने विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया, सचिव यहाँ करीब चार घंटे रहे और बारीकी से विषयो को समझा। सचिव ने विश्वविद्यालय के पुस्तकालय से लेकर प्रत्येक क्लासरूम का निरिक्षण किया।

महीने भर बाद भी जाँच अधूरी: सहायक प्राध्यापक भर्ती में गड़बड़ी, आखिर अब तक क्यों पूरी नहीं हुई जाँच ?

सुबह 11 बजे से विश्वविद्यालय पहुंचे सचिव ने पांच घंटे तक विश्वविद्यालय के कोने कोने का निरिक्षण किया और अंत में विश्वविद्यालय में कार्यरत कर्मियों और कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठकर उनकी समस्याओ और शिकायतों को सुना। इस दौरान कर्मियों ने विश्वविद्यालय में व्याप्त नियमितीकरण, पदोन्नति में गड़बड़ी, आर्थिक अनियमितता, पेंशन प्रकरण, जातिगत भेदभाव सहित दर्जन विषयो पर लिखित में सचिव को ज्ञापन सौपा। सचिव प्रसन्ना ने सबकी बातो को गंभीरता से सुना और समाधान करने का आश्वासन दिया।

सबसे बड़ी समस्या पटेल है सर”
प्रसन्ना विश्वविद्यालय के सभागार में कर्मियों और पदाधिकारियों की बैठक लेते हए समस्याओ के बारे में पूछा तो एक कर्मी ने कहा कि “सबसे पबड़ी समस्या शैलेन्द्र कुमार पटेल है सर” जब से वो आये है, विश्वविद्यालय की व्यवस्था बिगड़ गई है। अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगो से भेदभाव करते हुए उन्हें डिमोट किया गया तो जिसके खिलाफ धरना प्रदर्शन और भूख हड़ताल करना पड़ा था, उसे हटाएंगे तो बाकी समस्याएं अपने आप ठीक हो जाएगी…एक पदाधिकारी ने शैलेन्द्र पटेल के नियुक्ति और जाँच प्रक्रियाओं के संबंध में बताया और दस्तावेज सचिव को सौप कार्यवाही का निवेदन किया, कर्मी की बाते सुन सचिव चौक गए, जब सचिव कर्मियों की शिकायते सुन रहे थे तब विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सच्चिदानंद शुक्ला और प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र कुमार पटेल उस बैठक में नहीं थे। दरअसल उनके सामने वास्तविक स्थिति सामने नहीं आ पाती, ऐसे में सचिव ने दोनों को उक्त बैठक से बाहर रखा था ताकि कर्मी खुलकर अपनी बाते रख सके।

बृजमोहन अग्रवाल को सौपा था ज्ञापन-
विश्वविद्यालय में व्याप्त समस्याओ के संबंध में कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों ने कुछ दिनों पहले विभागीय मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को शिकायती ज्ञापन सौपा था, जिसके बाद सचिव आर प्रसन्ना निरीक्षण करने पहुंचे थे। प्रसन्ना विगत पांच सालो में पहले सचिव है जो विश्वविद्यालय में निरीक्षण करने पहुंचे थे। उसके पहले सिद्धार्थ कोमल परदेसी और भुवनेश यादव रहे पर उन्होंने कभी इसकी अवश्यकता नहीं समझी।

कुलपति डॉ. शुक्ला के बारे में अखबार ने क्या छाप दिया ?

बताते है कि उच्च शिक्षा सचिव के दौरे को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन ने विशेष इंतजाम किया था, जिन स्थानों में साल भर कभी झाड़ू नहीं चलता वहा से भी कचरा उठाया गया था। सचिव प्रसन्ना को पिछड़ा वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हेमंत साहू,अनुसूचित जाति जनजाति परिषद् के अध्यक्ष सिदार, सुनील नामदेव,शम्स परवेज, दिलीप दृतलहरे और सूर्यकांत वर्मा ने ज्ञापन सौपा।

 

भ्रष्ट को मिला सरंक्षण: जांच रिपोर्ट में दोषी फिर भी सरंक्षण, अफसरो को कोर्ट में घसीटा.. दबाव बनाने कराया एफआईआर

error: Content is protected !!