श्री कृष्णा वाटिका फर्जीवाड़ा मामला: जहाँ ना ऑफिस, ना प्रोजेक्ट वहां दर्ज हुआ एफआईआर, कागजो में संचालित हो रही ऑफिस?

रायपुर 17 नवंबर 2022.  जाली दस्तावेजों के सहारे लोन लेने और पुलिस कार्यवाही का सामना कर रहे बिल्डर राजेश आहूजा और उसके राजधानी के अनेको बैंको लोन लेकर चूना लगाया है। टिकरापारा पुलिस थाने में अपराध दर्ज होने के बाद इसकी कलई खुलने लगी है। अभियुक्त आहूजा ने श्री कृष्णा वाटिका डेवलपर्स का ऑफिसियल पता बताया वहा ना तो ऑफिस है ना ही उससे संबंधित कोई जानकारी। आहूजा ने रिंग रोड क्रमांक एक, लक्ष्मी नगर में ऑफिस का पता बताया पर वहां ऐसा कोई भी ऑफिस नहीं है। पुलिस की जाँच में स्पष्ट हुआ है।
जमीन शंकरनगर में एफआईआर टिकरापारा में-
श्रीकृष्णा वाटिका की विवादित जमीन शंकर नगर में लेकिन एफआईआर टिकरापारा पुलिस थाने में किया गया, जिसे लेकर भी प्रश्न उठ रहा है। दरअसल उक्त विवादित जमीन खम्हारडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत आता है ऐसे में एफआईआर खम्हारडीह थाना में होना था पर टिकरापारा में रजिस्टर्ड किया गया है। दोनों संचालको ने कोर्ट में परिवाद दाखिल करने पर न्यायालय के आदेशों पर अपराध दर्ज किया गया है।
कोर्ट से दोनों को राहत-
पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर दोनों पर गैर जमानती धाराओं में एफआईआर कर जाँच और पूछताछ के लिए बुलाया था। पुलिस के बुलावे पर टी. रविकुमार ने बयान दर्ज कराया था, वही राजेश आहूजा अपनी पत्नी सौम्या आहूजा, रिश्तेदार विकास आहूजा और रमेश आहूजा के साथ गायब हो गया था। दोनों को कोर्ट ने से राहत मिल गई है। कोर्ट ने टी रविकुमार और राजेश आहूजा पर पुलिस को कठोर कार्यवाही ना करने का आदेश दिया है।

 

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