भू प्रेमी अफसरों की शिकायत: अवैध प्लॉटिंग और अतिक्रमण पर खानापूर्ति कार्यवाही, पहले ब्लॉक फिर अनब्लॉक का खेल..

स्वतंत्र बोल
रायपुर 17 फरवरी 2024.  राजधानी में तत्कालीन कलेक्टर और एडिशनल कलेक्टर की जोड़ी ने जमीन पर बड़े बड़े कारनामे किये है, जो अब खुलने लगी है। तत्कालीन कलेक्टर नरेंद्र सर्वेश भूरे और एडिशनल कलेक्टर बीरेंद्र बहादुर पंचभाई की जोड़ी ने राजधानी में अवैध प्लॉटिंग, अतिक्रमण और राजस्व सम्बंधित मामलो मे ऐसे फैसले दिए जिससे शासन को करोडो रुपये राजस्व की क्षति पहुंची है तो भूमाफिया मालामाल हुए। कलेक्टर के तबादले के बाद धीरे धीरे मामले सामने आ रहे है, जिसकी शिकायत सीएमओ पहुंची है।

राजधानी में पदस्थ होने वाले अधिकांश राजस्व अफसरो का ध्यान जमीन पर होता है। डॉ. सर्वेश भूरे ने भी जून 2022 में रायपुर पोस्टिंग होने के बाद सबसे पहले अतिक्रमण और अवैध प्लॉटिंग पर कार्यवाही की। डेढ़ सौ से अधिक खसरो के खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था पर कुछ दिनों बड़ा उन खसरो पर लगी रोक धीरे धीरे हटने लगी और उन्ही खसरो की रजिस्ट्री भी होने लगी। दरअसल राजधानी सहित बड़े शहरो में जमीन का खेल बड़े स्तर पर धड़ल्ले से जारी है, अफसर कार्यवाही के नाम औपचारिकता निभाते।

कलेक्टर एडीएम की जोड़ी-

तत्कालीन कलेक्टर डॉ सर्वेश नरेंद्र भूरे और एडीएम बीरेंद्र बहादुर की जोड़ी चर्चा में रही है। बीबी पंचभाई कलेक्टर के विश्वसनीय रहे, जिसके चलते अधिकांश बड़े विभागों की जिम्मेदारी पंचभाई को मिलती रही। अवैध प्लॉटिंग, आबकारी, खनिज, अतिक्रमण, परिवहन, पर्यावरणीय जनसुनवाई और राजस्व सहित बड़े विभाग विगत ढाई सालो से बीबी पंचभाई के पास है। विभागीय अफसरों के अनुसार बीबी पांच भाई और पूर्व कलेक्टर रहे डॉ भूरे पूर्व में दुर्ग में साथ कमा कर चुके थे। पूर्व सीएम और उनके दामाद के बेहद करीबी होने के चलते उन्हें राजधानी का कलेक्टर बनाया गया था। डॉ भूरे के कलेक्टर बनने के बाद बीबी पंचभाई भी रायपुर हो गया, जहा दोनों ही जोड़ी ने राजस्व में शानदार काम किया है। राजधानी में तीन तीन एडीएम होने के बाद भी सर्वाधिक महत्वपूर्ण विभाग बीबी पंचभाई को आबण्टित किये गए। अवैध प्लॉटिंग पर शिकायतो के आधार पर पहले खसरे ब्लॉक किये जाते फिर कुछ दिन बाद उन खसरो को अनब्लॉक भी कर दिया जाता। पूरा खेल कागजो का पेट भरकर व्यवस्थित तरीके से होता था, अब इसकी परते खुलने लगी है।

भूमाफियाओ को पहुंचाया लाभ-

राजधानी में राजस्व मामलो में तत्कालीन कलेक्टर और मौजूदा एडीएम पैमाने पर लापरवाही बरती। उनके लिए अधिकांश फैसलों से भूमाफियाओ और जमीन दलालो को लाभ पहुंचा। स्वर्णभूमि, कचना, धरमपुरा, टेमरी, तुलसी, आरंग, मंदिर हसौद, नवा रायपुर, राखी सहित अन्य स्थानों में बड़े स्तर पर जमीनों की रजिस्ट्री और नामान्तरण में गड़बड़ी की गई है। अभनपुर ब्लॉक में भारत माला परियोजना तत्कालीन एसडीएम द्वारा मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की गई। कलेक्टर के निर्देश में हुई जाँच में एसडीएम सहित अन्य अफसरो को दोषी भी पाया गया पर तत्कालीन कलेक्टर डॉ भूरे ने कोई कार्यवही नहीं की। तिल्दा में भूमाफिया को बचाने में बीबी पंचभाई लगे रहे, और दर्जनों आवेदनों के बाद भी कार्यवाही नहीं की।

विशेष प्रकरणों की सुनवाई बंगले में करते थे-
एडीएम पंचभाई दुर्ग एसडीएम रहते विशेष प्रकरणों की सुनवाई कोर्ट में न कर अपने निजी बंगले में करते थे। तब वकीलों ने जमकर बवाल मचाया था, बड़ा में तत्कालीन कलेक्टर उमेश अग्रवाल ने हस्तक्षेप किया था।

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