स्वतंत्र बोल
रायपुर 02 फरवरी 2024. नियम, परिनियम की अनदेखी कर मनमानी करने वाले कुलपति को राजभवन ने बड़ा झटका दिया है। राज्यपाल ने बिलासपुर के पंडित सुंदरलाल शर्मा विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों में होने वाली भर्ती प्रक्रिया में रोक लगा दी है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बंशगोपाल सिंह द्वारा नियम कायदो को ताक में रखकर मनमानीपूर्वक भर्ती प्रक्रिया अपनाया गया। स्वतंत्र बोल ने प्रमुखता से इस विषय को उठाया जिसके बाद प्रबंधन के अरमानो पर पानी फिर गया है।
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विश्वविद्यालय द्वारा प्रोग्रामर,सहायक क्षेत्रीय निदेशक,सिस्टम एनालिसिस्ट, जनसम्पर्क अधिकारी, छात्र कल्याण अधिकारी और सहायक छात्र कल्याण अधिकारी सहित कुल 8 पदों पर बैकडोर तरीके से भर्ती प्रक्रिया की तैयारी की गई थी। चयन प्रक्रिया पूरी होने के पूर्व ही उन अभ्यर्थियों के नाम सामने आ गए थे जो चयनित होने थे, प्रबंधन आनन फानन में भर्ती पूरी करने में जुटे थे पर अप्रैल 2023 में प्रक्रिया को रोकी गई थी। अब प्रारंभिक जाँच पड़ताल के बाद राजभवन ने भर्ती प्रक्रिया को रोकने का निर्देश दिया है। कुलपति डॉ बंशगोपाल सिंह का विश्वविद्यालय में दूसरा कार्यकाल है, पहले कार्यकाल में डॉ सिंह ने पुस्तक छपाई और अन्य निर्माण कार्यो में करोडो का झोल किया। जिसकी जाँच भी लोक आयोग में हुई पर कार्यवाही सिफर रही। दूसरे कार्यकाल में अपनों को विश्वविद्यालय में नियुक्ति देने में जी जान से जुटे रहे..
जाँच आवश्यक-
विष्वविद्यालय में होने वाली भर्ती के लिए कुलपति ने पूर्व मंत्री, कार्यपरिषद के सदस्यों को किसी तरह सहमत कर लिया था। कथित तौर पर चयनित होने वाले कुछ पूर्व मंत्री उमेश पटेल, टीएस सिंहदेव और पूर्व उच्च शिक्षा सचिव भुवनेश यादव के करीबी थे। जिसके चलते ही मंत्रालय स्तर पर प्रक्रियाओं का पालन किये बिना ही भर्ती की स्वीकृति दी गई थी। उच्च शिक्षा विभाग में ओएसडी राजलक्ष्मी सलेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही जिन्होंने गड़बड़ियों को उजागर करने की बजाये विष्वविवद्यालय प्रबंधन की सहयोगी की भूमिका में रही। राजभवन पूरी प्रक्रिया की विधिवत जाँच कराये तो उच्च शिक्षा में व्याप्त बड़ी गड़बड़ी सामने आ जाएगी।
