स्वतंत्र बोल
रायपुर 11 अप्रैल 2024. राजधानी के एक निजी स्कूल प्रबंधन पर जाली मार्कशीट बनाने का आरोप लगा है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुई शिकायत के अनुसार कार्डिनल पब्लिक स्कूल प्रबंधन ने बिना एडमिशन लिए ही एक युवती का फर्जी सर्टिफिकेट बना दिया और उस जाली सर्टिफिकेट को आधार बना युवती ने एमबीबीएस में एडमिशन ले लिया, जिसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और चिकित्सा शिक्षा विभाग से हुई है।
जानकारी अनुसार कार्डिनल पब्लिक स्कूल द्वारा बिहार निवास युवती का फर्जी मार्कशीट बनाया गया। मूलतः बिहार निवासी युवती ने राजधानी सहित प्रदेश में कही भी पढाई नहीं की, ऐसे में मेडिकल कॉलेज में भर्ती लेने छत्तीसगढ़ का फर्जी निवासी प्रमाण पत्र बनवाने राजधानी के निजी स्कूल का फर्जी मार्कशीट बनवाया। इस पुरे खेल में स्कूल प्रबंधन सहित कुछ प्रभावशाली लोग शामिल रहे।
सुनियोजित फर्जीवाड़ा-
कार्डिनल पब्लिक स्कूल पूर्व में सुन्दर नगर रायपुर में संचालित होता था, जो कोरोना संक्रमण काल में बंद हो गया। कोरोना संक्रमण के बाद स्कूल का संचालन नए सिरे से प्रबंधन द्वारा भाटागांव में किया जाने लगा। इसी स्कूल के नाम पर बिहार निवासी युवती का बैकडेट में तीसरी, चौथी और पांचवी का मार्कशीट बनाया गया, और उसके आधार पर छत्तीसगढ़ का निवासी प्रमाण पत्र बनाया गया। इस मामले में में जबकि कार्डिनल स्कूल प्रबंधन का मानना है कि स्कूल बंद होने के बाद उनके पास प्रवेश संबंधी कोई भी रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में वे नहीं बता सकते है उक्त युवती ने कभी एडमिशन लिया या नहीं। बताते है कि फर्जी मार्कशीट बनाने के खेल में आधा दर्जन से अधिक प्रभावशाली लोग शामिल है, जिनके प्रभाव के चलते ही मामला दबा रहा।
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