स्वतंत्र बोल
रायपुर 21 जनवरी 2024. केंद्र सरकार के भारत माला परियोजना में राजस्व अफसरों और भू-माफियाओ के गठजोड़ ने भर्राशाही की, मनमानी का आलम ऐसा कि किसनो की जमीन का मुआवजा भू माफियो को दे दिया। सरकारी धन का ऐसा बंदरबांट शायद ही कही देखने और सुनने को मिले। प्रभावित किसान ने प्रेस वार्ता लेकर अधिकारियो और भू माफियाओ के “आर्थिक संधि” को सार्वजनिक किया।
पूर्व मंत्रियो के स्टाफ को मिली पोस्टिंग: गंभीर शिकायतों वाले अफसरों को भेजा गया सुकमा और बीजापुर..
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अभनपुर ब्लॉक के ग्राम उगतरा के किसान लाला वर्मा ने बताया कि उसके पांच एकड़ कृषि भूमि भारत माला परियोजना में शासन द्वारा ली गई, जिसका मुआवजा करीब 2 करोड़ 39 लाख रुपये बनता है..जो उसे ना देकर तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू ने भू माफियों विजय जैन, उमा तिवारी और रिंकू खनूजा को दे दिया। किसान ने मुआवजा वितरण के दौरान आपत्ति भी की, पर उसे नजरअंदाज कर गैर भू स्वामियों को लाभ पहुंचाया गया, अब किसान अपने मुआवजे के लिए सरकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहा है।

भारत माला परियोना में अभनपुर ब्लॉक में करीब 400 से अधिक किसानो की जमीन सड़क हेतु अधिग्रहित की गई थी, जिसमे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। प्रभावित किसान अब सामने आ रहे है, ग्राम उगतारा में लाला वर्मा की 40 अकड़ से अधिक जमीन है जिसमे 5 एकड़ भूमि सड़क में निकली जिसका मुआवाजा उसे ना देकर किसी और को दे दिया गया। किसान लाला वर्मा और अनिल दुबे ने तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू पर बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि
“एसडीएम निर्भय साहू और भू -माफिया विजय जैन, उमा तिवारी और रिंकू खनूजा के बीच 50-50 फीसदी की साझेदारी रही, और सभी ने आपस में मिलकर पैसो क बंदरबांट किया।”
भारत माला परियोजना में हुई गड़बड़ी को स्वतंत्र बोल ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है, जिसका असर होता दिख रहा है। इससे पहले उरला के किसान और कारोबारी नरेंद्र पारख के डेढ़ करोड़ के मुआवजा में हेरफेर की शिकायत की थी। जिस पर लंबे जाँच के बाद तत्कालीन एसडीएम, राजस्व निरीक्षक और पटवारी को दोषी पाया गया था। तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू से इस विषय में जानकारी लेने फ़ोन/ मेसेज किया गया पर जवाब नहीं आया, अगर जवाब आता है तो उसे भी प्रकाशित किया जायेगा।
