‘स्वतंत्र बोल’
रायपुर 16 जुलाई 2023. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में प्रशासन अब भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहा है। नए कुलपति की नियुक्ति के बाद विश्वविद्यालय की परिस्थितियों और भवनों के रंगरोगन में में बदलाव दिखा पर प्रशासकीय अमला अब भी पुराने ढर्रे पर काम कर रहा है। विश्वविद्यालय में गड़बड़ी करने वालो पर शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
विश्वविद्यालय के दो कर्मियों पुषोत्तम कहार और सूर्यकांत वर्मा ने निजी अस्पताल का फर्जी नसबंदी सर्टिफिकेट बनाकर वेतनवृद्धि का लाभ लिया था, तत्कालीन कुलसचिव ने अपराध पंजीबद्ध करने लिखा था, पर कार्यवाही नहीं हुई। राजधानी निवासी आनंद तिवारी ने कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला से कार्यवाही की शिकायत किया था पर अब तक कार्यवाही नहीं हुई है। बताते है कि कुलपति डॉ. शुक्ला ने कार्यवाही के लिए प्रशासनिक मुखिया कुलसचिव को लिखा था।
कुलसचिव का अपराधियों को सरंक्षण ?
विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव शैलेन्द्र पटेल पर कई गंभीर आरोप है। अयोग्यता के बाद भी कुलसचिव पद पर चयनित होने और कार्यो में मनमानी की शिकायते उच्च शिक्षा विभाग में पेंडिंग है। ऐसे में समझा जा रहा कि खटराल किस्म के अधिकारी का गड़बड़ घोटालेबाज कर्मियों सरंक्षण प्राप्त है, जिसके चलते कार्यवाही नहीं हो पा रही है। विश्वविद्यालय में फर्जी जाति और निवास प्रमाण पत्रों से नियुक्ति पाने वाले कर्मियों की संख्या दर्जन भर से अधिक है। कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि
“मुझे इस जानकारी नहीं है, जानकारी लेने के बाद ही कार्यवाही होगी।”
फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार का गढ़ बने विश्वविद्यालय की दरकने लगी दीवार, सफाई अभी और जरुरी..
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