राहुल गांधी ने मोदी सरकार को चेताया.. कहा, फिर मांगनी पड़ सकती है किसानों से माफी, कंगना के बयान पर मचा है बवाल..

राहुल गांधी ने मोदी सरकार को चेताया.. कहा, फिर मांगनी पड़ सकती है किसानों से माफी, कंगना के बयान पर मचा है बवाल..

नई दिल्ली: भाजपा सांसद कंगना रनौत के द्वारा किसानों से जुड़े कानूनों को फिर से लागू किये जाने सम्बन्धी बयान पर जमकर सियासत देखी जा रहा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश में है और कंगना रनौत के बयान के बहाने सरकार को किसान विरोधी साबित करने में जुटी हुई हैं। (Kangana ranaut statement on kisan kanoon) इसी बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और सांसद राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि, उन्हें फिर से किसानों से माफ़ी मांगनी पड़ सकती है।

सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर बयान जारी करते हुए राहुल गांधी ने पूछा, ‘सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज़्यादा किसानों, खास कर हरियाणा और पंजाब के किसानों की शहादत ले कर भी भाजपा वालों का मन नहीं भरा।’ राहुल गांधी ने आगे कहा, INDIA हमारे अन्नदाताओं के विरुद्ध भाजपा का कोई भी षडयंत्र कामयाब नहीं होने देगा – अगर किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोई भी कदम उठाया जाएगा तो मोदी जी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी।’

केंद्र रच रही साजिश: कांग्रेस

इस मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी केंद्र की सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि ‘किसानों के आंदोलन में यहां के किसानों ने बहुत मजबूती से काम किया। केंद्र सरकार को घुटने टेकने पड़े लेकिन फिर वही केंद्र सरकार साजिश रच रही है किसानों के काले कानूनों को वापस लाने की। (Kangana ranaut statement on kisan kanoon) यह बात कल उन्हीं की सांसद ने खुलकर की है। यहां का किसान इस तरह के साजिशों को कामयाब नहीं होने देगा। पहलवान के साथ धोखा हुआ, किसान के साथ धोखा हुआ, जवान के साथ धोखा हुआ और इस धोखे का बदला लेने के लिए पूरा हरियाणा अब एकजुट हो गया है। कांग्रेस पार्टी को बहुमत से जिताया जा रहा है और हमारी सरकार बनने जा रही है।”

क्या कहा था कंगना रनौत ने

दरअसल हिमाचल प्रदेश से भाजपा की सांसद कंगना रनौत ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि तीनों विवादास्पद कृषि कानून को फिर से लागू करना चाहिए। कंगना के मुताबिक़ किसानों को खुद ये कानून लागू करने की मांग करना चाहिए। कंगना का कहना था कि मुझे पता है कि यह बयान विवादास्पद हो सकता है लेकिन तीन कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए। किसानों को खुद इसकी मांग करनी चाहिए। कंगना ने तर्क दिया कि किसानों के लिए तीनों कानून फायदेमंद थे, लेकिन कुछ राज्यों में किसान संगठनों के विरोध के कारण सरकार ने उन्हें निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा, किसान देश के विकास में ताकत का स्तंभ हैं। मैं उनसे अपील करना चाहती हूं कि वे अपने भले के लिए कानूनों को वापस लेने की मांग करें।मंत्री जी के हाथों मिला डेमो चेक किसानों के लिए डमी साबित हुआ, डेढ़ साल से भटक रहे मुआवजे के लिए…

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