‘स्वतंत्र बोल’
गरियाबंद 1 जुलाई 2023. महिला एवं बाल विकास विभाग की सतर्कता से जिले में बाल विवाह होने से रोका गया। विभागीय अफसरों को फ़ोन पर जिला अंतर्गत एक गांव में नाबालिक के विवाह की जानकारी मिली, सूचना पर विवाह स्थल पर पहुंचकर अधिकारियो ने पूछताछ कर दाखिल खारिज के अनुसार बालिका के आयु का सत्यापन किया तो बालिका नाबालिक निकली तो बाल विवाह को रोका गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी के निगरानी एवं निर्देशन में दोनों के परिजनों को समझाईश दिया गया, साथ ही निर्धारित उम्र पश्चात ही विवाह करने सलाह दी गई।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाण्डेय ने बताया कि दूरभाष में सूचना प्राप्त हुई कि मैनपुर विकासखण्ड अन्तर्गत एक ग्राम में 28 जून को बाल विवाह होने की तैयारी चल रही थी। जिला बाल संरक्षण इकाई (मबावि) एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा घटनास्थल पर पहुंच कर बालिका की आयु संबंधी दस्तावेज कक्षा 5वीं व 8वीं की मार्कशीट के आधार पर बालिका की आयु सत्यापन किया गया। जिसमें बालिका आयु 16 वर्ष 11 माह होना पाया गया, बालिका का विवाह दिनांक 28 जून 2023 को तय किया गया था। विवाह के लिये बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अनुसार बालिका की आयु 18 वर्ष एवं लड़के की आयु 21 वर्ष पूर्ण होना अनिवार्य है। निर्धारित आयु से कम आयु में महिला/पुरुष का विवाह करने या करवाने की स्थिति में सम्मिलित व सहयोगी सभी लोग अपराध की श्रेणी में आते है, जिन्हें 02 वर्ष तक का कठोर कारावास एवं 01 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किये जाने का प्रावधान है।
जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम द्वारा बालिका उसके माता पिता व परिवार वालों एवं ग्रामीण जनों को समझाइश दिया कि बालिका की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने पश्चात ही विवाह करें। बाल विवाह रोकथाम टीम की समझाइश पर सहमति जताई। टीम द्वारा उपस्थित ग्रामीण जनों से आग्रह किया कि निर्धारित आयु सीमा के पश्चात् ही विवाह करें, जिससे बालक-बालिका के शिक्षा, स्वास्थ्य, कुपोषण, परिवार नियोजन आदि में बेहतर सुधार में योगदान दिया जा सके।
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