नई दिल्ली 30 अक्टूबर 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को स्टार्ट-अप्स से भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ते अवसरों का पूरा फायदा उठाने का आग्रह किया। मोदी ने अपने मासिक रेडियो प्रसारण ‘मन की बात’ में कहा कि, भारतीय उद्योग और स्टार्टअप इस क्षेत्र में नए नवाचार और नई तकनीक लाने में लगे हुए हैं। विशेष रूप से इन स्पेस के सहयोग से इस क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने वाला है। उन्होंने कहा, “गैर-सरकारी कंपनियों को भी आईएन-स्पेस के माध्यम से अपने पेलोड और उपग्रहों को लॉन्च करने की सुविधा मिल रही है।
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मैं अधिक से अधिक स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स से अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत में पैदा हो रहे इन विशाल अवसरों का पूरा लाभ उठाने का आग्रह करूंगा।” जून 2020 में, सरकार ने अंतरिक्ष गतिविधियों के पूरे क्षेत्र में भारतीय निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम करने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोल दिया था। निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए, सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (आईएन-एसपीएसीई) को एकल स्वतंत्र, नोडल एजेंसी के रूप में बनाया था, जो अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करती है।
यह निजी संस्थाओं की सभी अंतरिक्ष क्षेत्र की गतिविधियों के लिए एकल खिड़की एजेंसी है। मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा, “पहले भारत में अंतरिक्ष क्षेत्र सरकारी तंत्र के दायरे में ही सीमित था। जब से अंतरिक्ष क्षेत्र भारत के युवाओं के लिए खुला है, उसमें क्रांतिकारी बदलाव आने लगे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे वो पुराने दिन भी याद हैं, जब भारत को क्रायोजेनिक रॉकेट तकनीक से वंचित कर दिया गया था। लेकिन भारत के वैज्ञानिकों ने न केवल स्वदेशी तकनीक विकसित की, बल्कि आज इसकी मदद से दर्जनों उपग्रह एक साथ अंतरिक्ष में भेजे जा रहे हैं।” 23 अक्टूबर को एक साथ 36 उपग्रहों को अंतरिक्ष में स्थापित करने की उपलब्धि का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इस प्रक्षेपण के साथ ही भारत वैश्विक वाणिज्यिक बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में उभरा है।
