“स्वतंत्र बोल”
रायपुर 25 जून 2023. उच्च शिक्षा संचालनालय गड़बड़ और खटराल किस्म के कर्मियों के लिए आरामगाह बना हुआ है। गड़बड़ी, घोटाले के आरोपों के बाद विश्वविद्यालयो से हटाए गए कर्मी आराम फरमा रहे है, तो वर्षो से जमे कर्मियों को हटाने में संचालनालय के जिम्मेदार गंभीर नहीं है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलसचिव रहे आनंद शंकर बहादुर को संचालनालय अटैच किया गया था, पर वे गिनती के दिन ही इंद्रावती गए होंगे।
बताते है कि संगीत के शौकीन आनंद बहादुर महीने में आधे दिन कार्यालय में दिखते है। उधर शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय से हटाए गए पूर्व कुलसचिव विनोद पाठक की संचालनालय से धमतरी वापसी हो गई। पाठक धमतरी के कॉलेज में अपने मूल पद असिस्टेंट प्रोफेसर पर गए है। आनंद शंकर बहादुर और पाठक पर गड़बड़ी के आरोप थे।
असिस्टेंट प्रोफेसर धर्मेंद्र यादव वर्षो से संचालनालय में संलग्न है, जिसे अप्रैल महीने में तत्कालीन उच्च शिक्षा सचिव ने हटाने का आदेश जारी किया था, पर अब तक आदेशों का पालन नहीं किया जा सका है। धर्मेंद्र यादव की मूल पदस्थापना शासकीय कन्या महाविद्यालय बलौदाबाजार है। अफसरों ने यादव को नहीं हटाने सचिव के आदेशों को दरकिनार कर दिया, बताते है कि अप्रैल के बाद से अब तक शासन से दो बार रिमांडर जारी हुआ था, पर कही दबकर रह गया। वही हाल मंत्रालय का है, जहाँ राजलक्ष्मी सेलट और तिलकसेन गुप्ता को कॉलेजों में अध्यापन छोड़ मंत्रालय में जमे हुए है। असिस्टेंट प्रोफ़ेसर श्रीमती सेलट विगत पांच सालो से अधिक समय से प्रतिनियुक्ति पर हैं।
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