स्वतंत्र बोल
रायपुर 09 जनवरी 2024. महात्मा गाँधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर की नियुक्ति में गड़बड़ी किया गया, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है। गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार की शिकायते शासन तक पहुंची तो विभागीय मंत्री रामविचार नेताम ने भर्ती प्रक्रिया के जाँच के निर्देश दिया गया है।
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महात्मा गाँधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय में पिछले वर्ष असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के 35 पदों में भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के पहले आचार सहिंता प्रभावी हो गई। नई सरकार गठन के बाद 4 जनवरी को 35 पदों में चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई, जिसके बाद बवाल मच गया। प्रभावित अभ्यर्थियों का आरोप है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने भर्ती प्रक्रिया में यूजीसी के नियमो को ताक में रखकर में भर्ती की और अपनों को उपकृत किया। उधर 4 जनवरी को सूची जारी होने के बाद 5 को विभिन्न कॉलेजों में दर्जन भर से अधिक अभ्यर्थियों ने जॉइनिंग भी कर लिया है।
ऐसे हुआ खेल:-
विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा नियमो को दरकिनार कर भर्ती प्रक्रिया पूरी की और अपने परिचितों को उपकृत किया। प्रबंधन ने नियुक्ति के तैयार किये गए स्कोर कार्ड में खेल किया। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार चयनित होने वाले अभ्यर्थियों का नाम पहले ही तय कर लिया गया था, उसके अनुसार ही उन्हें नंबर दिया गया। जिनका चयन किया जाना था प्रबंधन ने उन्हें ज्यादा अंक दिया और बाकी को कम… प्रबंधन ने पीएचडी होल्डर अभ्यर्थियों को दरकिनार कर गैर पीएचडी होल्डर अभ्यर्थियों को चयनित कर नियुक्ति पत्र भेजा है। पूरी नियुक्ति सुनियोजित तरीके से की गई।
विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के अलावा विभिन्न पदों में नियक्तियाँ होनी है, प्रभावित अभ्यर्थियों के अनुसार सबके अलग अलग रेट तय किये गए है। उधर कुछ अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका भी दाखिल किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामशंकर कुरील ने जिस तरह फैजाबाद और महू (इंदौर) में काम किया, उसी तर्ज पर रायपुर में काम शुरू कर दिया है। इस संबंध स्वतंत्र बोल ने अप्रैल 2023 में खबरों के माध्यम से संभावना जताया था।
