स्वतंत्र बोल
रायपुर 25 मार्च 2024. राजधानी में सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर पेट्रोल पंप खोलने वाले रसूखदार के सामने नगर निगम प्रशासन बौना साबित हो रहा है। निगम की जमीन पर रसूखदार कारोबारी मनोज सरावगी और राकेश सरावगी द्वारा करोडो की बेशकीमती जमीन पर कब्ज़ा कर पेट्रोल पंप खोलने की तैयारी की जाती रही और निगम प्रशासन सिर्फ नोटिस तक ही सिमित रहा। विगत दो वर्षो से जारी कब्जा की शिकायत कलेक्टर, संभाग आयुक्त और नगर निगम प्रशासन के पास पहुंची थी। जिस पर जिले के राजस्व अधिकारी तहसीलदार द्वारा उक्त जमीन पर कब्ज़ा करने पर बेदखली और निर्माण को रोकने को नगर निगम प्रशासन को पत्र लिखा था, जिस पर निगम प्रशासन समुचित कार्यवाही नहीं कर सकी।
बताते है कि नगर निगम के जोन आयुक्त ने काम रोकने संबंधी आदेशों का पालन नहीं होने पर निगम के उड़नदस्ता भेजकर मजदूरों का सामान जब्त करवाया था, पर कारोबारी ने ऐसा दिखाया कि जब्त सामान को घंटे भर बाद ही निगम के जोन कमिश्नर खुद वापस करने पहुंच गए थे और फिर धड़ल्ले से काम जारी है।
निगम को दी गई झूठी जानकारी, अनुज्ञा निरस्त-
रसूखदारी कारोबारी ने नगर निगम की सरकारी जमीन पर कब्ज़ा किया और उसी पर पेट्रोल पंप खोलने झूठी जानकारी देकर निगम प्रशासन से अनुज्ञा ले लिया। नगर निगम के नगर निवेश विभाग ने बिना जाँच पड़ताल के पहले कारोबारी मनोज सरावगी के मेसर्स नेहा स्पंज पॉवर लिमिटेड को अनुमति दे दिया, बाद में बवाल मचने पर तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद अनुमति को निरस्त करने निगम आयुक्त को लिखा है। अफसरों के अनुसार नगर निगम की जमीन के आसपास कारोबारी सरावगी की कुछ जमीन है जिसके बहाने सरकारी जमीन पर भी कब्ज़ा कर पेट्रोल पंप बना दिया गया है। नगर निगम प्रशासन और अफसरों को सरकारी जमीन पर बलपूर्वक कब्ज़ा होने की जानकारी के बाद भी अफसर नतमस्तक है और जिम्मेदार कुछ भी कहने से बच रहे है।
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