अब फाइनेंस कंपनी ने की राजेश आहूजा की शिकायत, धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप.. पुलिस की जाँच पड़ी धीमी।

रायपुर 03 दिसंबर 2022.  कूटरचित दस्तावेजों से बैंको से लोन लेने और फर्जीवाड़ा करने वाले आहूजा दंपत्ति पुलिस को पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे है। पुलिस एफआईआर के डेढ़ महीने बाद भी पुलिस आरोपित राजेश आहूजा, सौम्या आहूजा, विकास आहूजा और रमेश आहूजा से बयान नहीं ले पाई है। पुलिस का कहना है कि आरोपित कोर्ट के शर्तो का उल्लंघन कर रहे है, पूछताछ के लिए बार बार नोटिस जारी करने के बाद भी नहीं आ रहे, जिससे जाँच आगे नहीं बढ़ पा रही है। 14 अक्टूबर को एफआईआर होने के बाद से गायब रहे आहूजा परिवार पुलिस की पहुंच से बाहर है। कोर्ट से मिले अंतरिम राहत के बाद भी पुलिस को सहयोग नहीं कर रहे है जबकि कोर्ट ने पुलिस को जाँच में सहयोग करने की शर्त पर ही अंतरिम राहत दिया है। राहत मिलने के 15 दिनों बाद भी अभियुक्तों ने पुलिस को पूछताछ में सहयोग नहीं किया है।
मास्टर माइंड कोई और-
बैंक फर्जीवाड़े के केस में राजेश आहूजा सिर्फ चेहरा है जबकि मास्टर माइंड कोई और है। स्वतंत्र बोल की पड़ताल में सामने आया कि राजेश आहूजा पेशेवर फ्रॉड है, उस पर आधा दर्जन से अधिक फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी के मामले अनेक पुलिस थानों में लंबित है। कुछ मामलो में कोर्ट ने शर्तो पर जमानत दी है। आहूजा पर आईआईएफएल फाइनेंस कंपनी ने धोखधड़ी करने के आरोप में अपराध पंजीबद्ध करने पुलिस थाने में शिकायत की है। जमीन के काम में जुड़े कुछ लोग राजेश को मुखौटा बना खम्हारडीह की करोडो की जमीन हथियाना चाहते है।

 

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