आधी रात कार्यालय खोल बनाया ऋण पुस्तिका, आचार सहिंता में हुई थी सुनवाई.. एसडीएम को 40 और पटवारी को मिले 4 लाख!

स्वतंत्र बोल
रायपुर 11 जनवरी 2024.  अभनपुर में जमीन नामांतरण में नियमो के उल्लघन कर फंसे एसडीएम ईमानदारी की दुहाई देते रहे और कुर्सी सरक गई। तत्कालीन एसडीएम जगन्नाथ वर्मा ने जमीन दलालो के साथ मिलकर संभाग आयुक्त के निर्देशों और भू राजस्व सहिंता के नियमो के खिलाफ जाकर आदेश पारित किया था। इस मामले में मीडिया ने एसडीएम रहे जगन्नाथ वर्मा से पूछा था तो उन्होंने अपने 28 वर्षो की ईमानदारी की नौकरी का हवाला देते हुए किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया था। श्री वर्मा के तबादले के बाद उनके ईमानदारी की पोल खुलने लगी है।

जगन्नाथ का आदेश: एसडीएम ने कमिश्नर के आदेशों को पलटा, ऋण पुस्तिका बनाने आधी रात खुलवाया पटवारी कार्यालय!

प्रभावित पक्ष के अनुसार निजी लाभ के चलते राजस्व अधिकारियो ने पद का दुरुपयोग किया। विश्वसनीय जानकारी अनुसार जमीन नामांतरण के खेल में करीब 44 लाख रुपये खर्चे गए थे, जिसमे करीब 40 लाख रुपये एसडीएम को पहुंचाया गया था तो आधी रात पटवारी कार्यालय खोल ऋण पुस्तिका बनाने वाले पटवारी करीब 4 लाख रुपये दिए गए, हालाँकि इसकी पुष्टि स्वतंत्र बोल नहीं करता है। जिसके चलते ही आचार सहिंता में चुनावी काम छोड़कर एसडीएम वर्मा ने 11 अक्टूबर को इस प्रकरण की सुनवाई की और आदेश पारित होने के बाद आधी रात ऋण पुस्तिका बनाया गया। जब यह खेल हुआ तो कोलर के पटवारी संजीव खुदशाह थे, जिसे कुछ दिनों पहले उपरवारा भेजा गया है।
तत्कालीन एसडीएम जगन्नाथ वर्मा का तबादला सूरजपुर कर दिया गया है। इस पुरे मामले में एसडीएम वर्मा और पटवारी संजीव खुदशाह कुछ भी कहने से बच रहे है, दोनों को फ़ोन और मेसेज किया गया पर जवाब नहीं मिला।

 

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