जमीन का खेल: अफसर ने FIR करने लिखा, तो पुलिस ने बैरंग लौटाया.. सीमांकन में दो अलग अलग रिपोर्ट।

स्वतंत्र बोल
रायपुर 19 जनवरी 2024.  तिल्दा में भू-माफिया किसानो और सरकारी जमीनों पर बलपूर्वक कब्ज़ा कर रहे और प्रशासन सिर्फ पत्राचार कर औपचारिता निभा रहा है। राजधानी से सटे उद्योगिक शहर तिल्दा में बड़े पैमाने पर अवैध प्लॉटिंग और सरकारी जमीनों की खरीदी बिक्री हो रही है। किसान मनहरण वैष्णव के प्रकरण में तिल्दा एसडीएम ने लंबे जाँच पड़ताल के बाद एक साल पहले भू माफिया राजकुमार भिख्वानी, सुरेश भिख्वानी और दिव्या तनेजा पर अपराध दर्ज करने पत्र थाना प्रभारी को लिखा था, उस पर साल भर बाद भी अमल नहीं हुआ।

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दस्तावेजों के अनुसार एसडीएम ने छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1961 के धाराओं के अंतर्गत अवैध प्लांटिंग पर अपराध पंजीबद्ध करने पत्र लिखा तो पुलिस ने बजाये आदेशों तामीली करने के यह कहकर पत्र लौटा दिया कि उक्त धाराओं के अंतर्गत केस नहीं बनता, कृपया सही धाराओं का उल्लेखित कर बताये और खेल यही शुरू हो गया। ऐसे में एसडीएम ने उच्चाधिकारियों से मार्दर्शन माँगा और अपर कलेक्टर ने लोक अभियोजन से जबकि विषय विशेषज्ञो के अनुसार तुरंत अपराध पंजीबद्ध किया जाना था।
अभियोजन का अभिमत गायब ?
जब जिम्मेदार ही फंसने लगे तो बचाव और छिपाव का खेल शुरू हो जाता है। अपर कलेक्टर के पत्र के जवाब में लोक अभियोजन ने छह महीने पहले अभिमत अफसरो को भेजा, पर अफसरों की माने तो उन्हें अब तक अभिमत मिला ही नहीं है। बताते है कि लोक अभियोजन द्वारा दिए गए अभिमत से राजस्व अफसरों की सेहत बिगड़ सकता है। इसी प्रकरण में पूर्व तहसीलदार सरिता मढ़रिया को कलेक्टर ने हटाया था।
दो सीमांकन में अलग रिपोर्ट-
खसरा क्रमांक 577/ 2 का राजस्व अफसरों द्वारा दो बार सीमांकन किया गया और दोनों बार रिपोर्ट अलग आया। पहले किये सीमांकन में अफसरो ने पाया कि मनहरण वैष्णव के 2000 वर्गफीट जमीन पर भूमाफियाओ द्वारा कब्ज़ा करना पाया तो दूसरे रिपोर्ट में मनहरण वैष्णव की जमीन में कोई भी कब्ज़ा और निर्माण नहीं मिला। उधर पीड़ित किसान ने जिला प्रशासन से निराश होने पर उच्च न्यायालय में याचिका लगाया जिसे निचली अदालत परिवाद दाखिल करने का निर्देश देकर केस डिसमिस कर दिया गया।
उधर भू-माफिया राजकुमार भिख्वानी, सुरेश भिख्वानी और दिव्या तनेजा ने रजिस्ट्री के दौरान झूठी जानकारी दी है। जिस जगह पर 30 और 17 फिट सड़क होना बताया गया वहा समतल मैदान है। भिख्वानी पर अन्य सरकारी जमीनों पर भी कब्जा और भू मांग सहित गंभीर शिकायते है जो आगामी दिनों में शिकायतकर्ताओ द्वारा बाहर आ सकती है। इस पूरे प्रकरण पर एसडीएम प्रकाश टंडन न्यायालय में केस लंबित होने की बात कर कुछ भी कहने से बचते रहे तो राजकुमार भिख्वानी ने कहा कि
“एसडीएम के आदेशों का पालन क्यों नहीं हुआ मुझे नहीं पता, मेरा काम जमीन खरीदी बिक्री का है… मुझे परेशान किया जा रहा है। जिस जगह पर सड़क बनाने की बाते कही जा रही वहा सड़क नहीं है।”

 

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