स्वतंत्र बोल
रायपुर 09 दिसंबर 2024. राजधानी में कॉलेज और अस्पताल के लिए आरक्षित जमीन को प्रशासनिक अधिकारियो ने बिल्डर को दे दिया, अब मामला सार्वजनिक होने के बाद हंगामा बरपा है। राजधानी के अमलीडीह क्षेत्र में 9 एकड़ सरकारी जमीन को जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियो ने बिल्डर राजेश अग्रवाल को दे दिया है। राजधानी में अमलीडीह की बेशकीमती सरकारी जमीन को भूमाफियाओ और बिल्डरो ने अधिकारियो के साथ मिलकर हड़पने का प्रयास किया है।
अमलीडीह के खसरा क्रमांक 233/1 और 236/1 के बेशकीमती 9 एकड़ जमीन को बिल्डर रामा वर्ल्ड के संचालक राजेश अग्रवाल को दिया गया है, अब उसका विरोध हो रहा है। जिस जमीन पर सरकार की अस्पताल और कॉलेज बनाने की योजना थी उसे तत्कालीन कलेक्टर और राजस्व विभाग के अधिकारियो ने मिलकर बिल्डर राजेश अग्रवाल को दे दिया, इसके विरोध में लोगो ने मोर्चा खोल दिया है।
तत्कालीन कांग्रेस सरकार में सरकारी सरंक्षण में शासकीय जमीनों का धड़ल्ले से बंदरबांट हुआ है, अमलीडीह की शासकीय जमीन जिस पर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल बनाना था,, उसे बिल्डर को देने का फैसला सरकारी सरंक्षण में किया गया। कांग्रेस शासनकाल में नवंबर 2023 में आचार सहिंता के दौरान तत्कालीन कलेक्टर डॉ सर्वेश नरेंद्र भूरे ने जमीन बिल्डर को देने राजस्व विभाग शासन को पत्र लिखा था, पूरा काम बेहद गोपनीय तरीके से किया गया कि किसी को कानो कान खबर नहीं लगी,, साल 2024 में सत्ता परिवर्तन के बीजेपी सरकार में जून 2024 को राजस्व विभाग के अफसरों ने जमीन बिल्डर को देने आदेशित कर दिया। सरकारी जमीन को बिल्डर को देने की जानकारी सार्वजानिक होने के बाद बवाल मचा हुआ है, बीते दिनों ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन कर तत्काल आबंटन निरस्त करने की मांग की है।
सरकारी जमीन के बंदरबांट का आरोप बीजेपी और कांग्रेस के नेताओ पर लगा है, कांग्रेस सरकार में जमीन देने की प्रक्रिया शुरू हुई और बीजेपी सरकार में जमीन बिल्डर को देने प्रक्रिया पूरी हो गई.. राजनीतीक सरंक्षण और अधिकारियो की मिलीभगत से बिल्डर ने अरबो की सरकारी जमीन को कौड़ियों के भाव हथियाने में सफल रहा।
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