स्वतंत्र बोल
रायपुर 25 दिसंबर 2024. राजधानी के अमलीडीह में सरकारी जमीन बिल्डर को आबंटित करने पर उपजे विवाद के बाद रायपुर संभाग आयुक्त ने जाँच प्रतिवेदन शासन को भेज दिया है। जाँच में आयुक्त ने जमीन आबंटन निरस्त करने की अनुशंसा की है, उसके 15 दिनों बाद भी अब तक जमीन का आबंटन निरस्त नहीं हुआ है। रायपुर आयुक्त महादेव कांवरे ने 11 दिसंबर 2024 को राजस्व सचिव को जाँच प्रतिवेदन भेजा था, जिसमे स्पष्ट शब्दों में उन्होंने नियम कानूनों के उल्लंघन का उल्लेख कर आबंटन निरस्त करने अनुशंषा किया है।
बिल्डर पर मेहरबानी-
राजस्व विभाग के अधिकारी बिल्डर राजेश अग्रवाल पर मेहरबान है। जाँच रिपोर्ट के 15 दिनों बाद भी कार्यवाही ना कर मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया गया है। बिल्डर को अमलीडीह के अलावा कचना की सरकारी जमीन भी दी गई है। लोकसभा चुनाव के पहले 16 मार्च 2024 को हुए अंतर्विभागीय समिति की बैठक में राजधानी के कचना की खसरा क्रमांक 40 का 0.77 हेक्टेयर भूमि भी आवासीय उपयोग के लिए दी गई है। संभवतः वहा पर भी टाउनशिप बना जाएगा।
इस बेहद गंभीर मामले में अधिकृत जानकारी राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा से चाहा गया तो उनके धार्मिक कार्यक्रम में ब्यस्त होने की जानकारी मिली और राजस्व सचिव अविनाश चंपावत ने फ़ोन, मेसेज दोनों का रिप्लाई नहीं दिया।