पूरे परिवार को थाने में बिठाकर रखा,सीएम रहते हुए खूब किया प्रताड़ित- भूपेश बघेल

राजनांदगांव 24 नवम्बर 2022: राजनांदगांव जिले में बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व सीएम डॉ रमन सिंह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए रमन सिंह ने उन्हें और उनके परिवार को खूब परेशान किया था। रमन सिंह के चलते मेरी मां तक को थाने में बैठना पड़ा था।

सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह जब मुख्यमंत्री थे, तब मैं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष था और उस वक्त राजनांदगांव आना हुआ था, लेकिन उसकी बहुत बड़ी कीमत मुझे चुकानी पड़ी थी।उन्होंने कहा कि मुझे और मेरे परिवार यहां तक कि मेरी मां को थाने में बैठना पड़ा था। मेरी मां कभी थाने नहीं गई थी, लेकिन रमन सिंह के कारण उन्हें वहां भी जाना पड़ गया। उन्होंने कहा कि मेरे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। यह सब रमन सिंह ने करवाया था। मेरी संपत्ति की जांच भी कराई गई थी, घर की जांच कराई गई थी, लेकिन मैं डरता नहीं हूं।

सीएम ने कहा कि अब जब भी रमन सिंह दिल्ली जाते हैं, चाहे कोई केंद्रीय मंत्री यहां आते हैं, तो उन्हें उकसाते हैं कि इसकी भी जांच कराओ, उसकी भी जांच कराओ। उन्होंने कहा कि पहले सत्ता में थे, तो खुद प्रताड़ित किया और अब केंद्र के माध्यम से प्रताड़ित करवा रहे हैं। लेकिन जितना भी कोशिश कर लो, कुछ नहीं होने वाला है। रमन सिंह की सोच सामंती है। उनके अंदर की जो घृणा है, वो कहती है कि मैं चूहा हूं। भूपेश बघेल ने कहा कि मैंने कभी रमन सिंह के बारे में गलत तरीके से बात नहीं की, लेकिन भानुप्रतापपुर में उन्होंने मेरे बारे में साफ कहा कि ये मुसवा है, अब बाघ बन गया है, इसे फिर मुसवा बनाना है।

भूपेश बघेल ने बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ओम माथुर और बीजेपी के छुटभैया नेता राहुल गांधी जी को लेकर कुछ कहेंगे, तो लोग विश्वास नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के प्रभारी ओम माथुर कन्फ्यूज हैं। मैं चैलेंज करता हूं कि बीजेपी का कोई एक भी नेता उनके जितना पदयात्रा करके दिखा दे, तो मैं मान जाऊंगा। राहुल जी भारत जोड़ो यात्रा चला रहे हैं, जिसकी सफलता से बीजेपी के लोगों के होश उड़े हुए हैं।

दरअसल भानुप्रतापुर में नामांकन दाखिल करने के बाद एक सभा का आयोजन हुआ था। इस सभा में रोचक ढंग से डॉ रमन ने एक किस्सा सुनाकर अपनी बात लोगों के बीच रखी। डॉ रमन ने कहा- मुझे एक किस्सा याद आ रहा है। एक साधु और उसकी चुहिया की कहानी है, आप लोग सुने होंगे।

मुसवा (चूहा) और बाघ (बघवा) की कहानी

इसके बाद डॉ रमन ने छत्तीसगढ़ी में किस्सा सुनाया- इसका हिंदी अनुवाद कुछ इस तरह है…एक साधु की कुटिया के पास एक चूहा रहता था। एक दिन वह बाहर घूम रहा था कि एक बिल्ली उसे खाने के लिए आई। वह भागकर साधु के पास गया और बोला कि ये बिल्ली मुझे रोज खाने की कोशिश करती है, मुझे बिल्ली बना दो। साधु ने गंगाजल छिड़का, चूहा, बिल्ली बन गया। अब वो कुटिया से निकला तो कुछ कुत्ते पीछे पड़ गए। वो भागकर फिर साधु के पास पहुंचा और बोला मुझे कुत्ते डराते हैं, अब मुझे कुत्ता बना दो।

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