रायपुर 23 अप्रैल 2022. रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीशकांत पांडेय पर लगे भ्रष्टाचार संबंधी आरोपों की जाँच पूरी हो गई है। जाँच अधिकारी ने कुलसचिव पांडेय को नियमो के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव गिरीशकांत पांडेय की शिकायत छत्तीसगढ़ लोक आयोग में हुई थी, आयोग ने जाँच प्रकरण क्रमांक 101/2021 दर्ज किया था। आयोग ने कार्यवाही के लिए उच्च शिक्षा विभाग को लिखा था, जिस पर उच्च शिक्षा विभाग के संयुक्त संचालक ने जाँच किया। गिरीशकांत पांडेय पर आरोप थे कि उन्होंने भ्रष्टाचार से अर्जित धन से नियमो का उल्लंघन कर बना बिना सक्षम अनुमति के भूखंड ख़रीदा था। शिकायत पर जाँच अधिकारी ने प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट शासन को सबमिट कर दिया है जिसमे उन्हें दोषी ठहराया गया है। विभागीय जानकारीनुसार कुलसचिव गिरीशकांत पांडेय ने कंकाली पारा में बिना सक्षम स्वीकृति के 45 लाख कीमत का 2398 वर्ग फीट भूखंड ख़रीदा। उन्होंने कुलपति रविशंकर विश्वविद्यालय से अनुमति लिया जबकि उन्हें उच्च शिक्षा विभाग से अनुमति लेना था। जिस भूखंड का रजिस्ट्री कराया वो दस्तावेजों में शासकीय भूमि है जिसका खसरा क्रमांक 1921 है। ऐसे में जाँच अधिकारी ने कलेक्टर को जाँच के लिए पत्र लिखा है कि शासकीय भूमि की रजिस्ट्री किन परिस्थियों में और कैसे हुआ? दस्तावेजों से कूटरचना कर रजिस्ट्री तो नहीं की गई ?
पद का दुरुपयोग-
कुलसचिव पांडेय ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए रविशंकर विश्वविद्यालय प्रबंधन से अनुमति लिया जिसे कुलपति केसरीलाल वर्मा की अनुशंसा पर उपकुलसचिव शैलेन्द्र पटेल ने जारी किया। पांडेय उच्च शिक्षा के कर्मचारी है ऐसे में नियमतः उन्हें उच्च शिक्षा विभाग से अनुमति लेना था वही उपकुलसचिव शैलेन्द्र पटेल को प्रचलित नियमो से कुलपति श्री वर्मा को अवगत कराना था, जो नहीं किया गया। उपकुलसचिव श्री पटेल ने नियमो को दरकिनार कर कुलसचिव को एनओसी जारी कर दिया और शासन को अवगत भी नहीं कराया।
कहा से आये 20 लाख..?
जिस भूखंड की खरीदी को लेकर शिकायत हुई थी उसे श्री पांडेय ने 45 लाख रुपयों में साल 2020 में खरीदा था, जिसका भुगतान वे साल 2008 से किश्तों में करते रहे है। भूखंड खरीदने 27 लाख रुपयों में अपनी पैतृक जमीन बेचने का तर्क दिया पर यह नहीं बताये की शेष राशि करीब 20 लाख कहा से आया? जाँच अधिकारी द्वारा बैंक खाते का डिटेल्स मांगने पर भी उन्होंने सिर्फ बैंक खाता नंबर ही दिया। जाँच अधिकारी द्वारा शासन को रिपोर्ट सौपने के बाद शासन इसमें कार्यवाही आने वाले दिनों में करेगी। जाँच अधिकारी संयुक्त संचालक रामकरण शुक्ला ने कहा कि
“जाँच रिपोर्ट आयुक्त उच्च शिक्षा को सबमिट किया गया है, रिपोर्ट गोपनीय होती है। रिपोर्ट पर फैसला उच्चाधिकारियों करेंगे।”
EXPOSE गिरीश ‘कांड’ पर गंभीर आरोप: भ्रष्टाचार के पैसो से ख़रीदा लाखो का भूखंड ?
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