अंदरूनी खबर,
09 जून 2023
कुर्सी पहले, टीएल कभी भी..
बुधवार को आईएएस अधिकारियो की जंबो लिस्ट निकली, दो जिले के कलेक्टर बदल गए। प्रदेश के 23 आईएएस इसकी जद में आये, कुछेक के विभागों में बदलाव हुआ तो कुछ कुर्सी बचाने में सफल रहे। तबादले की सूची को लेकर सोमवार से मंत्रालयीन गलियारों में चर्चा रही, ऐसे में प्रभावित होने की आशंका से सहमे आईएएस कुर्सी बचाने दौड़ भाग करते रहे। एक कलेक्टर ने सप्ताह के शुरुआत के साथ कुर्सी बचाने की जद्दोजहद में जुटे रहे, व्यस्तता इतनी थी कि मंगलवार को होने वाले टीएल बैठक को भी स्थगित कर दिया। दरअसल प्रत्येक मंगलवार को समय सीमा की बैठक होती है जिसमे जिले भर के अधिकारियो से कलेक्टर सीधे बात कर योजनाओ और शिकायतों की समीक्षा करते है। गुरुवार को लिस्ट सामने आने के बाद कलेक्टर ने चैन की सांस ली है।
चैयरमेन मांगे फॉर्चूनर: जिला सहकारी बैंक ने निकाला टेंडर, सफ़ेद रंग की सात सीटर चाहिए फॉर्चूनर।
क्या विशेष सहायक अय्याश है ?
एक दिग्गज मंत्री के विशेष सहायक को लेकर व्हाट्सप में खबर फैली। खबर फैलाने वाले ने विशेष सहायक के अर्जित संपत्ति और चरित्र को लेकर अनेक खुलासे किये और जो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल खबरों के मुताबिक़ विशेष सहायक (डिप्टी कलेक्टर) अय्याश प्रवृत्त्ति का है, और उसने एक शैक्षणिक संस्थान में उसने एक क्वार्टर भी मनोरंजन के लिए ले रखा है, जबकि उनके पास स्वर्णभूमि जैसे पॉश कॉलोनी में शानदार बंगला भी है। सोशल मीडिया में वायरल खबरो की तस्दीक की गई तो संबंधित विशेष सहायक (डिप्टी कलेक्टर) ने इसे महज अफवाह और प्रायोजित बताया.. लेकिन यह भी सामने आया की आधी बाते सही है, बाकी मनगढंत। बताते है कि विशेष सहायक शौकीन मिजाज के है और एक महिला तहसीलदार के के बेहद करीब है। ऐसा ही हाल एक अन्य मंत्री के विशेष सहायक का है जिसने एनजीओ संचालिका को दिल दे रखा है। कभी कभी तो उसे सरकारी गाडी लाने और छोड़ने जाती है।
दो कुलपतियों के बीच धुरी!
मंडी बोर्ड में अधिकारी मोहन कोमरे को सरकार ने भानुप्रतापपुर उपचुनाव के बाद मंडी बोर्ड के एसई पद से हटा दिया था। कोमरे पर सर्व आदिवासी समाज के उम्मीदवार को फंडिंग करने का आरोप था। मामला सीएम भूपेश के सज्ञान में आया तो सीएम ने नाराजगी जताया पर बड़ी कार्यवाही ना करते हुए मंडी बोर्ड से हटा दिया था, उनके पास इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय में एसपीपी का चार्ज था। अब उन्हें आइजीकेवी के साथ महात्मा गाँधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय का भी चार्ज दे दिया गया है। ऐसे में वे दोनों कुलपतियों को साधे हुए है, जबकि दोनों ही कुलपतियों की पटरी बिल्कुल भी नहीं बैठ रही है। दोनों ही विश्वविद्यालयो में सैकड़ो करोड़ के सिविल वर्क जारी है।
अंदरूनी खबर: ईडी के डर से विधायक और कारोबारी भूमिगत, आप विधायक का वीडियो !
