अंदरूनी खबर
29 मई 2023.
आरटीआई का मजाक राजधानी में-
सूचना के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन देखना तो राजधानी के सरकारी कार्यालयों में जाना चाहिए जहां अधिकांश में ना तो सूचना के अधिकार और प्रथम अपीलीय अधिकारी का नाम पता बताने वाला बोर्ड नहीं है, तो अधिकांश अफसर जानबूझकर जानकारी नहीं देते। जबकि राज्य सूचना आयोग ने सभी जिला कलेक्टर्स जो स्पष्ट निर्देशित किया है की सभी सरकारी कार्यालयों में सूचना के अधिकार अधिनियम की जानकारी संबंधी बोर्ड बड़े अक्षरों में लगा होना चाहिए पर राजधानी में ही इसका पालन नहीं हो रहा।
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एक सरकारी कार्यालय में जानकारी के लिए आवेदन लगी तो अधिकारी ने राजधानी में उस पेपर के साइज की फोटोकॉपी मशीन नहीं होने का बहाना बना जानकारी नहीं दी। एक आरटीआई एक्टिविस्ट बताते है कि समाज कल्याण विभाग में आरटीआई लगाया तो महीनो तक उसे जानकारी नहीं दी गई, प्रथम अपील में सुनवाई हुई तो जनसूचाधिकारी ने 15 दिनों के भीतर जानकारी देने का समय मांगा। सूचना के अधिकार का ऐसा हाल राजधानी में है तो अन्य दूरस्थ और वनांचल जिलों में कल्पना की जा सकती है।
टेंडर के साथ कैविएट-
पाटन के महात्मा गाँधी उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय के भवन का भूमिपूजन बीते दिनों सीएम भूपेश बघेल ने किया। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन ने टेंडर जारी कर दिया है। 120 करोड़ की भारी भरकम की राशि से कुलपति और कुलसचिव बंगला, विश्वविद्यालय की बिल्डिंग, बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल बनाया जायेगा। टेंडर होने के साथ ही विश्वविद्यालय प्रबंधन ने हाईकोर्ट में कैविएट दाखिल किया है, जिसमे बताया गया कि निर्विघ्न कार्यो का निष्पादन के लिए कैविएट दाखिल किया गया है। मतलब विश्वविद्यालय प्रबंधन को विघ्न बाधा की आशंका है। विश्वविद्यालय ने शॉर्ट टेंडर जारी किया है, ऐसे में विघ्न की संभावना ज्यादा है। इन सबसे परे कुलपति डॉ रामशंकर कुरील अपने प्रयासों में सफल होते दिख रहे है। लंबे वनवास के बाद एक साथ 120 करोड़ का काम, 25 से ज्यादा पदों पर भर्ती की अनुमति मिली है।
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