पुलिस और आबकारी विभाग लगातार कर रहे कार्रवाई, होटलों-ढाबों में दबिश
स्वतंत्रबोल
रायपुर 12 सितम्बर 2024: राजधानी के विधानसभा थाना इलाके में होटलों, ढाबों, रेस्टोरेंटों में अवैध तरीके से शराब पिलाई जा रही है सोशल मीडिया में वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें दिख रहा है कि होटल स्टाफ द्वारा अवैध बीयर कस्टमर के टेबल पर बेचने के लिए रखा जा रहा है। मामलें में होटल के संचालक पर पहले भी रायपुर एएसपी ग्रामीण की टीम ने छापेमारी करने के बाद कार्रवाई की है लेकिन होटल के स्टाफ और संचालक इस कार्रवाई के बाद भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे है। निजी रेस्टोरेंट के स्टाफ हर बोतल को जहां आबकारी विभाग के रेट में जो बोतल 200 से 210 रुपए की मिलती है वही निजी रेस्टोरेंट में यही बोतल 400 रुपए में बेचीं जा रही है। कुछ दिन पहले देर रात पुलिस ने बिना लाइसेंस या पुराने लायसेंस पर अवैध शराब पिलाने वालों पर और इन होटलो और ढाबों के संचालकों पर कार्रवाई की थी मगर उसके बाद भी विधानसभा थाना इलाके के पब और होटल यूटर्न, सोशियल ढाबा, वुड आईलैंड, होटल रॉयल कॉस्टल, अन्ना पंजाबी जैसे रेस्टोरेंट और होटलों में भी परोसी जा रही है।
नाइट पार्टियों में पिलाई जा रही है शराब
छुटभैया नेताओं ने भी बड़े पैमाने में रायपुर शहर में पब, क्लब, हुक्काबार, रेस्टोरेंट बिंदास होकर खोल दिए है। एक सर्वे के मुताबिक गोवा जैसे देश के महत्वपूर्ण पर्यटन शहर को भी रायपुर की पार्टियां भारी पड़ रही है और आगे निकल गई है। जानकारी के अनुसार बुधवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार और छुट्टी के दिनों में पूरे भारत का अय्याशी का स्वर्ग बन जाती है रायपुर राजधानी। शहर के सभी लग्जरी होटल, विला, फार्महाउस, झुमका, मुजरा, रेव पार्टी के नशे में डूब जाते है और रायपुर और देश के युवा राजधानी में 75 हज़ार के टेबल बुक करने और 25 हज़ार की एंट्री फीस देने से भी गुरेज नहीं करते है। सोशल साइट्स के मुताबिक रेव पार्टी शराब, ड्रग्स, म्यूजिक, नाच गाना और सेक्?स का कॉकटेल होता है। बड़े ही गुपचुप तरीके से ये पार्टियां आयोजित की जाती हैं। इनमें जिनको बुलाया जाता है, वे लोग ही पार्टी के बारे में जानते हैं। इसके साथ ही नशीले पदार्थ बेचने वालों के लिए ये रेव पार्टियां धंधे की सबसे अच्छी जगह बन गई हैं। वही ये शराब पिलाने वाले नशे के सौदागर अपने-अपने होटलो, रेस्टोरेंटों, बारों, पबों के ग्राहकों को कच्चा बिल बनाकर देते है जिसमें लिखा होता है कोट बुक, जबकि इस बिल से होटलो और रेस्टोरेंटों के संचालक त्रस्ञ्ज की चोरी भी करते है।
कुछ दिन पहले हुई थी बड़ी कार्रवाई
राजधानी के क्लब, पब- रेस्टोरेंट में एक बार फिर से देर रात और आधी रात बाद तक वाइन-डाइन-डांस का सुरुर देखा जा रहा है। करीब छ माह पूर्व वीआईपी रोड पर ऐसे ही क्लब से निकल युवक युवतियों के दो गुटों में हुए शूट आउट के बाद कुछ सख्ती बरती गई थी। सभी पब,होटल क्लब के संचालकों को 12बजे को बाद वाइन सर्व करने पर लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन अब तक एक पर भी कार्रवाई नहीं की जा सकी है। लेकिन एक बार फिर देर रात तक बिना लाइसेंस या पुराने लायसेंस पर पब और होटल यूटर्न, सोशियल ढाबा, वुड आईलैंड जैसे रेस्टोरेंट में भी परोसी जा रही है। वह भी बाहर की शराब। चूंकि अभी प्रदेश में विदेशी शराब सप्लाई के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। इसलिए इन क्लब, रेस्टोरेंट के संचालक चोरी छिपे मंगवाकर बेच रहे हैं। जो महंगे ब्रांड की थी। इनमें युवकों के साथ साथ युवतियां भी कंधे से कंधा मिलाकर प्याला टकराती हैं। किसी के क्लब में जाने, शराब पीने से कोई एतराज नहीं है, एतराज इस बात पर है कि शराब के नशे में कभी ये आपस में ही उलझ जाते हैं या फिर किसी अन्य राहगीर पर जान लेवा हमला करने से नहीं चूकते। यहां तक कि नशे में ओवर स्पीड ड्राइविंग से किसी बेगुनाह कि जान पर बन आती है। और इसके लिए जिम्मेदार देर रात तक खुले रहने वाले ये क्लब, रेस्टोरेंट संचालक ही होते हैं।
जिले में अब नकली शराब भी बेची जा रही है। इसे जब्त करने और बेचने वाले तस्करों को पकडऩे जिला आबकारी अमले को कई दिनों तक तलाशी अभियान चलाना पड़ा। चार-पांच दिनों तक छद्म नंबर से ग्राहक, कोचिया बनकर शराब तस्करों से बातचीत की। और इस दौरान यह हुआ कि आरोपी मोतीलाल साहू से कार मारुति वैगन आर सीजी 10 एफए 8132 में परिवहन के दौरान बिना होलोग्राम वाली 40 पेटी नकली गोवा शराब जब्त की गई। साथ ही विवेचना के दौरान ही एक अन्य आरोपी युवराज साहू द्वारा चार पहिया वाहन अशोक लीलैंड पिकअप सीजी 25 के 2638 में परिवहन करते हुए देशी शराब निर्माण में प्रयुक्त 300 लीटर स्प्रिट जब्त किया। कार्रवाई के दौरान उक्त पिक अप वाहन में नकली बड़ी मात्रा में खाली शीशियां, खाली ढक्कन, अवैध शराब निर्माण सामग्री बनाने में प्रयुक्त सामग्री भरी हुई मिली। विभाग ने स्वीकार किया कि उसने पहली बार राज्य में यह कार्रवाई की है। जिसमें इतनी बड़ी मात्रा में शराब और अवैध शराब निर्माण सामग्री बरामद की गई है। साथ ही अवैध परिवहन में प्रयुक्त वाहन भी जप्त किया गया। उक्त दोनों आरोपियों के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम की धारा 34(1)क, 34(1)च, 34(1) ज, 34(2) और धारा 36 के तहत जेल भेजा।
आयुक्त ने की बड़ी कार्रवाई: नशे के दो अवैध कारोबारियों को भेजा जेल
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में नशीली दवाओं और गांजे के अवैध व्यापार से जुड़े दो महत्वपूर्ण मामलों में आयुक्त महादेव कांवरे ने एक निर्णायक और प्रभावशाली कार्रवाई की है। उन्होंने अवैध व्यापार में लिप्त दो आरोपियों को अलग-अलग प्रकरण में तीन-तीन महीने की सजा सुनाई है, जो नशे के खिलाफ प्रशासन की कड़ी मुहिम का स्पष्ट संकेत है। आधिकारिक आदेश के अनुसार, अनावेदक एजाज खान पिता अहमद खान, निवासी भवानी नगर सिमगा, और ज्वाला चतुर्वेदी पिता इंद्रमन चतुर्वेदी, निवासी भैंसापसरा, बलौदाबाजार के खिलाफ पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार-भाटापारा द्वारा इश्तगाशा पेश किया गया था। अवैध रूप से स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थों का व्यापार करने की पुष्टि हुई थी। मामले की विस्तृत जांच पूरी होने के बाद यह निर्णय लिया गया कि इन दोनों आरोपियों की संलिप्तता में कोई संदेह नहीं है।जांच के दौरान, आयुक्त महादेव कांवरे ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए त्वरित कार्रवाई का निर्णय लिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे अवैध गतिविधियों से समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और यह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उनके आदेश में यह भी उल्लेखित है कि अनावेदक अवैध रूप से नशीली कैप्सूल तस्करी करने के आदी हैं, जिससे उनके समाज में रहने से संभावित विपरीत प्रभाव को नकारा नहीं जा सकता।आयुक्त कांवरे ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर गहन विचार करने के बाद यह निर्णय लिया कि अनावेदक एजाज खान और ज्वाला चतुर्वेदी के विरुद्ध स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अवैध व्यापार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 10 के तहत तीन माह के लिए जिला जेल बलौदाबाजार निरुद्ध किया जाए।आयुक्त महादेव कांवरे की यह कड़ी कार्रवाई न केवल नशे के अवैध व्यापार के खिलाफ प्रशासन की दृढ़ता को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि छत्तीसगढ़ सरकार नशे के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति को गंभीरता से लागू कर रही है। इस कार्रवाई के माध्यम से आयुक्त ने यह संदेश दिया है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कृतसंकल्पित हैं और किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे।सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के सीनियर रेसीडेंट से लेकर प्राध्यापकों के वेतन में हुई ऐतिहासिक वृद्धि
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