दिल्ली 16 मई 2023: दिल्ली मेट्रो में रोजाना लाखों यात्री सफर करते हैं। दिल्ली मेट्रो ट्रांसपोर्ट के लिए बेहतर विकल्प नजर आता है। साल 2002 में शुरू हुई दिल्ली मेट्रो का 20 सालों में इसमें काफी विकास हुआ हैं।
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मेट्रो का रेलपथ 8 किलोमीटर से 213 किलोमीटर हो चुका है। लेकिन एक बात जो आज भी वैसी ही है वो है मेट्रों की साफ-साफाई और कड़ी तरह से नियमों का पालन। इस वजह से मेट्रो को काफी पसंद किया जाता है।
वायरल हो रही आपत्तिजनक वीडियो
आजकल, दिल्ली मेट्रो की कई अभद्र वीडियो सामने आ रही हैं। इसमें यात्री आपत्तिजनक बर्ताव, लड़ाई-झगड़ा आदी करते हुए दिख रहे हैं. इसका संज्ञान लेते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने हाल में मेट्रो के अंदर इंस्टा रील्स, डांस वीडियो बनाने पर पूरी तरह रोक लगा दी है।
डीएमआरसी ने कहा था, दिल्ली मेट्रो के अंदर वीडियो और रील बनाने से पैसेंजर्स को असुविधा हो सकती है। मेट्रो के अंदर वीडियो बनाना सख्त मनाना है। बता दें कि नियम तोड़ने पर यात्रियों को डिब्बे से बाहर निकाल दिया जाता हैं। इसके साथ-साथ उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ता है।
दिल्ली मेट्रो को किसने ताकत दी?
रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (DMRC) के दिल्ली मेट्रो रेलवे (परिचालन और अनुरक्षण) अधिनियम, 2002 के तहत कुछ अपराध और शास्तियां आते हैं। यहां हम प्रमुख धाराओं के तहत आने वाले अपराध और उन पर लगने वाले जुर्माने की बात कर रहे हैं। जानते है किस गलती पर कितना जुर्माना लगता है।
धारा – अपराध – जुर्माना
धारा 59 – शराब पीना, उपद्रव करना, थूंकना, गाड़ी की फर्श पर बैठना या फिर लड़ाई-झगड़ा करना – ₹200, यात्री का टिकट/पास जब्त कर उसे मेट्रो से बाहर निकाल देना
धारा 60 – आपत्तिजनक समान ले जाना – ₹200
धारा 62 – मेट्रो में किसी प्रकार का प्रदर्शन – प्रदर्शन में भाग लेने से निष्कासन, बाहर निकालते समय विरोध करने पर ₹500 जुर्माना
धारा 63 – गाड़ी की छत पर यात्रा करना – ₹50, मेट्रो से बाहर निकाल देना
धारा 64 – मेट्रो की रेल पर चलना – ₹150
धारा 64(1) – महिला डिब्बे में अवैध तरीके से जाना – ₹250
धारा 68 – किसी कर्मचारी की ड्यूटी में बाधा डालना – ₹500
धारा 69 – बिना टिकट के यात्रा करना – ₹500
धारा 72 – मेट्रो की संपत्ति को खराब करना – ₹200
कौन वसूलेगा जुर्माना?
स्टेशन प्रबंधक नियम का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने और वसूलने के लिए अधिकृत है। जुर्माना नहीं भरे जाने पर उल्लंघनकर्ता को पुलिस के हवाले कर दिया जाता है। वहां से उसे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आगे प्रस्तुत किया जाता है।
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