कांग्रेस सरकार में पावरफुल रहे IAS: सत्ता के करीबी रहे अफसरों को धक्का, सुशासन का सूर्योदय करने वालो को मौका..।

राहुल गोस्वामी @स्वतंत्र बोल
रायपुर 04 जनवरी 2024. अंततः 3 दिसंबर की आधी रात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने पहला और बड़ा तबादला आदेश जारी किया जिसमे एक साथ 88 आईएएस अफसरों के साथ एक आईपीएस अफसर शामिल है। इस तबादला सूची की सप्ताह भर से अटकले थी, जो मंत्री परिपरिषद की बैठक के बाद जारी हुआ। सीएम साय ने फेरबदल में जल्दीबाजी नहीं की, वरन जाँच पड़ताल के बाद ही पोस्टिंग की गई। सूची में उन अधिकारियो को सिरे से किनारे किया गया जो पूर्व की भूपेश बघेल सरकार में मेन स्ट्रीम और सत्ता के गलियारों के आसपास थे। ऐसे अफसरों को किनारे कर परिणाम देने वाले अफसरो को लाया गया है, जो बीते पांच वर्षो में मुख्य धारा से बाहर थे। जिन अफसरो को साइड लाइन किया गया, अधिकांश की शिकायत बीजेपी ने चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग में किया था, जो सत्ता की करीब रहकर सरकार के “हां में हाँ” मिलाते थे।
इनमे प्रमुख रूप से एसीएस सुब्रत साहू को सरकार ने महानिदेशक प्रशासन अकादमी बना दिया। साहू पूर्व की सरकार में सबसे पावरफुल अफसर माने जाते रहे, और पूर्व सीएम भूपेश बघेल के सबसे विश्वसनीय अफसर रहे, उन पर अनेक आरोप लगे पर सब नजरअंदाज कर दिया गया। खाद्य सचिव रहे टोपेश्वर वर्मा सरकार ने राजस्व मंडल में सचिव बनाया है, वर्मा को पूर्व सीएम के रिश्तेदार होने के चलते मलाईदार विभागों में पोस्टिंग मिलती रही। जल जीवन मिशन, परिवहन और खाद्य विभाग में उन्हें पदस्थापित किया गया था। ऊर्जा सचिव रहते सीएम सचिवालय में पदस्थ रहे अंकित आनंद को सरकार ने योजना आर्थिक सांख्यिकी का सचिव बनाया है। महिला बाल विकास सहित चार से अधिक विभागों के सचिव रहे भुवनेश यादव को राजस्व आपदा प्रबंधन में सचिव बनाया गया है। पुपूर्व की सरकार में उन्हें उद्योग, महिला बाल विकास, लोक निर्माण विभाग, समाज कल्याण और उच्च शिक्षा विभाग का सचिव बनाया गया था, पर कुछ दिनों बाद ही सारे विभागों में सिर्फ महिला बाल विकास और उद्योग ही रहा। उन्हें टूटेजा और चन्दन यादव द्वारा सहयोग की चर्चाये प्रशासनिक गलियारों में अपुष्ट रूप से रही।
एस. भारतीदासन सीएम सचिवालय में पोस्टेड रहते स्कूल शिक्षा सचिव रहे, जिसे सरकार ने सचिव कौशल विकास तकनिकी शिक्षा बनाया है। प्रबंध संचालक मंडी बोर्ड सहित आधा दर्जन से अधिक विभागों में पदस्थ रहने वाले यशवंत कुमार को हस्तशिल्प और माटीकला बोर्ड का एमडी बनाया है। यशवंत पूर्व नौकरशाह टूटेजा के बेहद करीब माने जाते रहे। सचिव पर्यावरण, आबकारी आयुक्त और नगर निवेश विभाग के आयुक्त रहे महादेव कांवरे को कोष लेखा में सचिव बनाया गया है, तो कांकेर कलेक्टर रही डॉ प्रियंका शुक्ला को पशु चिकित्सा विभाग का संचालक बनाया गया है। प्रियंका को आखरी कुछ महीनो में कलेक्टर बनाया गया था। राजनांदगांव दर्जन जिलों में कलेक्टरी करने वाले डोमन सिंह को सरकार ने बिना किसी विभाग के विशेष सचिव बनाकर मंत्रालय अटैच किया है। संचालक स्वास्थ्य रहे जय प्रकाश मौर्या को उच्च शिक्षा विभाग में विशेष सचिव बनाया गया, मौर्या आईएएस रानू साहू के पति है। बेमेतरा कलेक्टर रहे पदुमसिंघ एल्मा को मंत्रालय बुलाया गया, वे धमतरी और बेमेतरा जिले में आत्मानंद में काम किया है। रायपुर कलेक्टर रहे भूरे सर्वेश्वर नरेंद्र सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बनाया गया। भूरे भूपेश बघेल सरकार में गुडबुक में रहे, उनका सितारा क्षितिज में चमकता रहा। वे महँगी घडियो के शौकीन बताये जाते है। पीएससी रहे जीवन किशोर ध्रुव को माटीकला बोर्ड में एमडी बनाया गया है, बीजेपी और अभ्यर्थियों ने ु पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। ध्रुव के बेटे का चयन भी पीएससी में हुआ है। तारणप्रकाश सिन्हा को खेल एवं युवा कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव बनाया है, वे कांग्रेस सरकार में जनसंपर्क आयुक्त, रायगढ़ और जांजगीर कलेक्टर रहे। एमडी समग्र शिक्षा रही इफ़्फ़त आरा को संचालक आयुष बनाया गया है। ढाई वर्षो तक महिला बाल विकास विभाग की संचालक रही दिव्या उमेश मिश्रा को डीपीआई बनाया गया है। वे उद्योग विभाग में संयुक्त सचिव और संचालक खनन भी रही। दंतेश्वरी कॉरिडोर में गड़बड़ी और बंदरबांट के आरोपों के बाद दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार बिना किसी विभाग के मंत्रालय अटैच किया गया है। बीजेपी नेताओ के साथ पक्षपात के आरोपों में घिरे रहे बीजापुर के कलेक्टर राजेंद्र कटारा को हटाकर सरकार ने राज्य साक्षरता मिशन में संचालक बनाया है। प्रमोटी आईएएस गोपाल वर्मा को मंत्रालय में उपसचिव बनाया गया है।

 

 

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