रायपुर 15 मई 2023. राज्य लोक सेवा आयोग की हाल ही जारी परीक्षा परिणामो को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। अनेक तरह के आरोप- प्रत्यारोप लग रहे है। राज्य लोक सेवा आयोग में गड़बड़ी की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है। साल 2016 में उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत सहायक कुलसचिव, उपकुलसचिव और कुलसचिव के विभिन्न पदों पर नियुक्तियां हुई थी। उस नियुक्ति में गड़बड़ी अपात्र अभ्यर्थी का चयन उपकुलसचिव पद हेतु किया गया गया था। साल 2020 में हुए इन्ही पदों की भर्ती में उसी अभ्यर्थी शैलेन्द्र पटेल का चयन का कुलसचिव हेतु किया गया, जो पूर्व में ही अपात्र था। अभ्यर्थी को उच्च शिक्षा विभाग की जाँच समिति ने अयोग्य पाया है, ऐसे में राज्य लोक सेवा आयोग की विश्वसनियता पर सवाल उठेंगे।

शैलेन्द्र पटेल को उपकुलसचिव पद हेतु अयोग्य पाए जाने के बाद कार्यवाही के लिए उच्च शिक्षा विभाग ने विभागीय मंत्री उमेश पटेल को दो दौर का फाइल भेजा पर महीनो बाद मंत्री के यहाँ से फाइल ही नहीं लौटी। आधिकारिक सूत्र बताते है कि मंत्री उमेश पटेल के विशेष कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी जे.के. शर्मा शैलेन्द्र पटेल के हनुमान बने हुए है। उनके सरंक्षण के चलते ही फाइलों का मूवमेंट और कार्यवाही रुका हुआ है। जे.के. शर्मा मूलतः लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी है, बताते है मंत्री के पिता स्व. नंदकुमार पटेल के साथ रहे पुराने संबंधो का लाभ उन्हें मिल रहा है।
तीन प्राचार्यो की बनी कमेटी-

साल 2021 में कुलसचिव पद में चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेजों के सत्यापन के लिए शासन ने तीन प्राचार्यो की समिति बनाया है। बीते दिनों समिति ने कोर्ट के आदेश पर कुलसचिव चयनित हुए शैलेन्द्र पटेल के शैक्षणिक और अनुभव संबंधी दस्तावेजों का सत्यापन किया। पूर्व में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई अपर संचालक स्तर की समिति ने शैलेन्द्र पटेल को उपकुलसचिव के लिए अयोग्य पाया था, तो उच्च शिक्षा आयुक्त आईएएस शारदा वर्मा द्वारा की गई जाँच में भी कुलसचिव पद के लिए पटेल को अपात्र पाया था। आयुक्त ने पटेल को दो बार वांछित दस्तावेजों को जमा करने का मौका दिया था पर पटेल संबंधित दस्तावेज जमा नहीं कर पाए, पाए थे, अंततः अक्टूबर 2022 में पटेल के कुलसचिव चयन को निरस्त किया गया था।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार उच्च शिक्षा विभाग की जाँच में अयोग्य पाए जाने के बाद भी पटेल को रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में कुलसचिव का प्रभार भी जे.के. शर्मा के निर्देशों के बाद ही साल भर पहले दिया गया था। गंभीर आरोपों पर ओएसडी जेके शर्मा से उनका पक्ष जानने फ़ोन किया गया पर नो रिप्लाई रहा। मेसेज करने पर उनका जवाब आया कि
“पटेल को मेरा को सरंक्षण नहीं है, उससे मेरा कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध भी नहीं है।”
