खुशखबरी: आ गई नई शिक्षा नीति,10वीं बोर्ड खत्म,एम फिल भी बंद,जानिए नई शिक्षा नीति को…

नई दिल्ली 12 दिसंबर 2022: भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020 को आज केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी । आज केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36 साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई । अगले वर्ष यानि 2023 की मार्च से इसे लागू कर दिया जायेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग स्नातक प्रोग्राम के लिए नया ड्राफ्ट तैयार किया गया है। ये ड्राफ्ट नई शिक्षा नीति 2020 के तहत बनाया गया है। नये ड्राफ्ट में यह तय किया गया है कि स्नातक ऑनर्स के लिए चार साल की पढ़ाई करनी होगी। चौथे साल विद्यार्थियों को रिसर्च प्रोजेक्ट करना होगा। इससे पहले स्नातक की पढ़ाई तीन व स्नातकोत्तर की पढ़ाई दो साल की होती आ रही है।

12वीं तक की शिक्षा में नया बदलाव


नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैंं. शिक्षा की शुरूआत नर्सरी से होगी जिसमें आने की उम्र 4 वर्ष तय है। 5वें साल में जूनियर केजी। 6 में सीनियर केजी, 7 में पहली और आठवें साल में दूसरी पास करेंगे। 9वें वर्ष में तीसरी क्लॉस, 10वें वर्ष में 4थी, 11वें में 5वीं क्लास पढ़ सकेंगे। इसके बाद 12वें साल में क्लास छह, 13वें साल में कक्षा सात, 14वें साल में कक्षा आठ की पढ़ाई पूरी होगी।

इसके बाद 15वें साल में क्लास नौ, 16वें साल में क्लास दस, 17वें साल में 11वीं यानि एफवायजेसी और 18वें साल में 12वीं यानि एफवायजेसी उत्तीर्ण करना होगा। अब सिर्फ बारहवीं कक्षा ही बोर्ड परीक्षा होगी।

खास बातें :

केवल 12वीं क्‍लास में होगा बोर्ड

MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की

10वीं बोर्ड खत्‍म, MPhil भी होगा बंद

अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा. बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों न हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।

पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।

9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी।

स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।

वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी। यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्‍लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।

3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्‍टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।

MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।

स्‍टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स। हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा। वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।

हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं।

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