स्वतंत्र बोल
रायपुर 15 दिसंबर 2024. धान उठाव और कस्टम मिलिंग को लेकर राज्य सरकार और राईस मिलर बीच गतिरोध बढ़ गया है, जिसके बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। राज्य सरकार के निर्देशों के बाद खाद्य विभाग ने राजधानी समेत आधा दर्जन जिलों के राईस मिलो में छापेमार कार्यवाही की है। खाद्य विभाग की टीम ने रायपुर, धमतरी, महासमुंद, राजनांदगांव सहित अन्य जिलों में स्थित राईस मिलों छापेमार कार्यवाही की कर कुछेक मिलो को सील किया है। विभागीय जानकारिनुसार आर.टी. राईस मिल (प्रो. प्रमोद जैन) के परिसर पर विधिक कार्यवाही की गई।
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आर.टी. राईस मिल द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में कस्टम मिलिंग हेतु पंजीयन कराने के उपरांत भी अनुमति एवं अनुबंध का निष्पादन नहीं कराया गया और शासकीय धान का उठाव नहीं किया जा रहा है। मिल परिसर में 390 क्विंटल उसना चावल एवं 1200 क्विंटल धान फ्री सेल प्रयोजन हेतु पाया गया, जो कि प्रथम दृष्टया छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग चावल उपार्जन आदेश, 2016 का उल्लंघन है। मिल परिसर को सील कर धान एवं चावल को जब्त कर लिया गया है। जांच दल में तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे, नायब तहसीलदार राजेन्द्र चन्द्राकर, सहायक खाद्य अधिकारी श्रीमती बिन्दु प्रधान सम्मिलित थे। इसके अतिरिक्त जिला महासमुंद में श्रीवास्तव राईस मिल, नारायण राईस मिल, माँ लक्ष्मी राईस मिल, जिला धमतरी में आकांक्षा राईस मिल, जिला राजनांदगांव में अतुल राईस मिल में जांच टीम द्वारा दबिश दी गई ।
सरकार की कोशिशे के बाद भी नहीं बनी बात-
धान खरीदी शुरू होने के साथ ही राईस मिल एसोसिशन ने बकाया भुगतान और कस्टम मिलिंग की राशि बढ़ाने की मांग करते हुए हड़ताल कर दिया था। जिसके चलते धान खरीदी केन्द्रो में बारदाने की किल्लत हुई तो धान खरीदी प्रभावित हुई। सरकार ने राईस मिल एसोसिशन से बात कर हड़ताल ख़त्म कराया तो फिर राईस मिल एसोसिशन के पदाधिकारी अड़े रहे और साल 2021-22 के कस्टम मिलिंग का भुगतान करने की मांग की। राईस मिल एसोसिशन के अध्यक्ष और सांसद बृजमोहन अग्रवाल भाई योगेश अग्रवाल ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए वीडियो जारी किया था। जिसके बाद भी सरकार की ओर से सुलह की कोशिशे की गई पर बात नहीं बनी और मिलर हड़ताल पर है। जिसके चलते धान खरीदी केन्द्रो में धान रखने की जगह नहीं है।