EXCLUSIVE महिला मड़ई में घोटाला: बिना टेंडर प्रक्रिया के चहेते फर्म को दिया करोडो काम.. भंडार क्रय नियमो का उल्लंघन।

“स्वतंत्र बोल”
रायपुर 22 जून 2023.  महिला बाल विकास विभाग द्वारा फरवरी में किये गए महिला मड़ई कार्यक्रम में बड़ी गड़बड़ी की गई। अधिकारियो ने बिना टेंडर प्रक्रिया के अपने चहेते फर्म को काम दिया और भुगतान भी कर दिया, पूरा मामला अब सार्वजनिक हुआ है। फरवरी 2023 में महिला बाल विकास विभाग द्वारा राजधानी में प्रदेश स्तरीय महिला मड़ई और महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया था। 27 फरवरी से 4 मार्च तक छह दिनों के आयोजन में विभाग ने करीब 3 करोड़ रुपये खर्चे थे। विभाग ने जिला कार्यक्रम अधिकारी रायपुर को नोडल अधिकारी बनाया था, जहाँ से गड़बड़ियां हुई है।
?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
दस्तावेजों के अनुसार विभाग द्वारा एडीएम की अध्यक्षता में क्रय समिति का गठन किया था जिसकी सदस्य सचिव डीपीओ निशा मिश्रा थी। क्रय समिति ने टेंडर न कर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड में इम्पैनल कंपनी को काम दे दिया, जबकि छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियमानुसार करोडो के काम के लिए विधिवत निविदा प्रक्रिया किया जाना था।
चहेते फर्म को दिया काम-
?????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????????
अधिकारियो ने करोडो के काम के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड से इम्पैनल फर्मो की जानकारी मांगी तो स्मार्ट सिटी ने व्यापक इंटरप्राइजेश, आदर्श किराया भण्डार, श्रीराम एडवर्टाइजर एंड मार्केटिंग और शुभम किराया भंडार के इम्पैनल होने की जानकारी भेजी। जिसमे क्रय समिति ने मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेस को को काम दे दिया। अफसरों के अनुसार चारो फर्मो को प्रस्तुतीकरण के लिए बुलाया गया पर तीन पहुंचे ही नहीं, ऐसे में समय की कमी का हवाला देते हुए व्यापक इंटरप्राइजेश को स्मार्ट सिटी लिमिटेड के रेट में काम दे दिया गया। विश्वस्त जानकारीनुसार मेसर्स व्यापक इंटरप्राइजेश को काम देने की योजना पहले ही बनाई गई थी।
ऐसा है भंडार क्रय नियम-
छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियमो के अनुसार 20 लाख रुपये से अधिक की खरीदी पर टेंडर किया जाता है, जिसका विज्ञापन प्रदेश और देश के दो -दो बहुप्रचारित समाचार पत्रों में निकाला जाना था। अधिकारियो ने ढाई करोड़ का काम बिना किसी निविदा के व्यापक इंटरप्राइजेश को दे दिया। अफसरों का तर्क था की समय की कमी के चलते निविदा प्रक्रिया नहीं की गई। इस पूरे मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी और क्रय समिति की सदस्य सचिव निशा मिश्रा से जानकारी लेने की कोशिश की गई, पर उन्होंने फ़ोन रिसीव नहीं किया।

 

महिला बाल विकास का अजब हाल, पहले आदेश जारी फिर संसोधन.. गैर जिम्मेदार अफसरों ने संचालक की बढ़ाई मुश्किलें

 

 

error: Content is protected !!