केम्पा में गड़बड़ी: मरवाही वनमंडल में करोडो की गड़बड़ी की पुष्टि, जाँच समिति ने सौपा रिपोर्ट

रायपुर 10 अक्टूबर 2022.  मरवाही वन मंडल मे केम्पा मद में हुये निर्माण कार्यो मे करोडो रू. की गडबडी की जांच पूरी हो गई है। जांच समिति ने शासन को रिपोर्ट सौप दिया है जिसके अनुसार जांच समिति ने गड़बड़ी की पुष्टि की है। मरवाही वनमंडल मे साल 2018 से 2021 तक केम्पा फंड से तालाब, स्टॉप डेम निर्माण, वृक्षारोपण सहित अनेको निर्माण कार्य किये गए, जिसमे बडे पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। स्थानीय रहवासियों की शिकायतों के पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जांच के निर्देश दिए। शासन ने जाँच के लिए बिलासपुर सीसीएफ राजेश चंदेले की अध्यक्षता मे दर्जन भर अधिकारीयो का टीम को जाँच का जिम्मा सौपा, जिन्होंने सघन जांच कर रिपोर्ट शासन को सौप दिया है। समिति के सदस्यो के अनुसार कैम्पा फंड का खुला दुरूपयोग किया गया, अधिकारीयो ने कागजो मे निर्माण कराकर करोडो रू. आहरित कर डाले। अनुमान के अनुसार करीब 100 करोड की गडबडी बताई जा रही है।

जांच समिति को दिखाने कराया निर्माण-

जांच समिति के सदस्यो के अनुसार शासन द्वारा जांच समिति गठित होने के बाद समिति को दिखाने मरवाही वनमंडल के भ्रष्ट अधिकारीयो ने आनन फानन मे निर्माण कराया ताकि गडबडी पकडी ना जा सके। मरवाही क्षेत्र मे विगत चार वर्षो मे निर्माण कार्यो मे अनियमितता और भ्रष्टााचार की दर्जनो शिकायत रही है। तत्कालिन डीएफओ राकेश मिश्रा मरवाही जिले के रहवासी थे, वे अगस्त 2020 मे सेवानिवृत्त हुये।

अधिकारीयो के कमाई का जरिया बना कैम्पा-

कैम्पा फंड वन विभाग अधिकारियो के लिए कमाई का जरिया बना हुआ है। प्रदेश के अधिकांश वन मंडलो में कैम्पा मद से बंदरबांट, गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की शिकायते मिलती रही है। अधिकारीयो द्वारा इस मद से स्टॉप डेम, तालाब निर्माण, वृक्षारोपण और लेंटाना उन्मूलन के नाम पर गड़बड़ी की शिकायते आम है। इस मद से शासन साल 2019 में 5792 करोड़ रुपये मिले थे। इस  के सीईओ आईएफएस व्ही श्रीनिवास राव है। राव विगत चार वर्षो से जमे हुए है, सत्ता परिवर्तन के बाद सभी विभागों में अधिकारी बदले गए पर श्रीनिवास राव आज भी जमे हुए है।

श्रीनिवास राव सीईओ

प्रदेश के अधिकांश वन मंडलो में केम्पा मद में गड़बड़ी और भ्रस्टाचार की शिकायते रही है। अधिकारी कागजो में काम दिखा हेराफेरी कर रहे है जिससे इसके उद्देश्य पर सवाल उठाने लगे है। मरवाही, बिलासपुर वनमंडल में भ्रस्टाचार का मामला विधानसभा में उठा है जिसके मरवाही के तत्कालीन डीएफओ समेत दस कर्मियों और बेलगहना के रेंजर और डिप्टी रेंजर को सस्पेंड किया गया था। कैम्पा फंड में निचले स्तर पर हो रही गड़बड़ी बिना उच्चाधिकारियों के सरंक्षण के संभव नहीं है। शिकायतों पर सरकार रेंजर, डिप्टी रेंजर और बीटगार्ड पर कार्यवाही कराती है जिससे अरण्य भवन में बैठे अधिकारी बच निकलते है। जाँच अधिकारी राजेश चंदेले ने स्वतंत्र बोल को बताया कि

“जाँच में अधिकांश शिकायते सही पाई गई, रिपोर्ट शासन को भेज दिया गया है।” 

 

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