स्वतंत्र बोल
रायपुर 22 अगस्त 2024. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रभारी रजिस्ट्रार शैलेन्द्र कुमार पटेल के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है, एबीवीपी ने पटेल को प्रभारी कुलसचिव पद से हटाने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। शैलेन्द्र कुमार पटेल का मूल पद उपकुलसचिव है जिसे विगत दो वर्षो से प्रभारी रजिस्ट्रार बना कर रखा गया है। एबीवीपी ने पटेल को हटाने तीन महीना पहले 30 मई को तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को ज्ञापन सौपा था, पर तत्कालीन मंत्री जी खुद अपनी कुर्सी बचाने में जुटे रहे.. तीन महीनो के बाद भी कार्यवाही नहीं होने पर एबीवीपी के पदाधिकारियों ने मोर्चा खोल दिया है। यह धरना तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब प्रदेश में भाजपा की सरकार है और एक भ्रष्ट और अयोग्य कर्मी को हटाने बीजेपी के छात्र संगठन को धरना देना पड़ रहा है।
शैलेन्द्र पटेल का सरकारी सेवा में पहली बार चयन साल 2016 में बतौर उपकुलसचिव पद हुआ था, साल 2020 में हुई जाँच में पटेल के शैक्षणिक दस्तावेजों को फर्जी और पटेल को अयोग्य पाया गया.. पटेल साल 2014 में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के निर्धारित योग्यता का पूरा नहीं करते है फिर भी उसका चयन चोर दरवाजे से किया गया । उपकुलसचिव के 5 साल की सेवा अवधी को अनुभव बताकर कुलसचिव पद पर चयनित हो गया, वर्तमान में पटेल का मूल पद उपकुलसचिव और प्रभारी कुलसचिव रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय है.. पटेल ने नेम प्लेट और दीवार में टंगे तख्ती में “प्रभारी कुलसचिव या Acting Ragistrar “नहीं लिखा है।
कुर्सी बचाने कांग्रेस नेताओ के चक्कर लगाने वाले पटेल ने बदला पाला, अब मौलश्री नया ठिकाना…
पटेल के उपकुलसचिव पद पर चयन के खिलाफ हुई जाँच में भी उसे अयोग्य पाया गया है तो कुलसचिव चयनित होने पर तीन प्राचार्यो की समिति, उच्च शिक्षा आयुक्त और संयुक्त संचालक व अपर संचालक के तीन अलग-अलग समितियों ने अयोग्य पाया है।
पूर्व की कांग्रेस सरकार में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री और दो विधायकों के चरण वंदना कर कुर्सी सलामत रखने वाले पटेल की बीजेपी सरकार में चल निकली है, एक युवा मंत्री को अपना रिश्तेदार बताकर भ्रष्टाचार की गाडी सरपट दौड़ाई जा रही, ऐसे में पूर्व प्रशासकीय अधिकारी रहे मंत्री को एक बार विचार जरूर करना चाहिए। पूर्व की सरकार को भ्रष्ट कहने वाले बीजेपी के नेता भी इस गंभीर मुद्दे में मौन है… जबकि इसका उल्टा असर प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयो में हो रहा है। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री यञदत्त वर्मा ने कहा कि
“पटेल की नियुक्ति गलत तरीके से हुई, इसकी अधिकांश डिग्री फर्जी है.. हमने तीन महीना पहले उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौपा पर कार्यवाही नहीं हुई, सरकार ऐसे लोगो को पाल-पोस रही है.. जब तक पटेल को विश्वविद्यालय से हटाया नहीं जाता धरना जारी रहेगा।”
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