रायपुर 22 फरवरी 2023. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में अयोध्या के प्रोफ़ेसर को कुलपति बनाये जाने के बाद स्थानीय शिक्षाविदों को झटका पहुंचा है, इससे मौजूदा कुलपति डॉ केसरीलाल वर्मा भी अछूते नहीं है। डॉ. केसरीलाल वर्मा की प्रोफ़ेसर पत्नी माया वर्मा सहित विश्वविद्यालय के दर्जन भर से अधिक प्रोफेसर कुलपति बनने कतार में थे। सभी ने अपने स्तर पर जोर आजमाइश किया था, तो डॉ. केसरीलाल वर्मा ने दिल्ली, नागपुर और रायपुर के बीच की दूरियों को कम कर दिया था। बताते है कि वे बीते महीने भर से दिल्ली और नागपुर के नेताओ के चक्कर लगा रहे थे, पर भाग्य ने साथ नहीं दिया।
मौजूदा कुलपति डॉ. वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय में हुई कुर्की, सम्पत्ति जब्ती और फर्जीवाड़ों को स्वतंत्र बोल ने प्रमुखता से उठाया था, जिसकी गूंज दूर तक पहुंची थी। विश्वविद्यालय प्रशासन बेलगाम हो गया और सरकारी धन के दोहन में विश्वविद्यालय ने कीर्तिमान बनाया है। विश्वविद्यालय में कुलपति के रिश्तेदारों और परिजनों को ठेको और अन्य कार्यो में उपकृत किया गया, धोखाधड़ी कर उप कुलसचिव बने व्यक्ति को कुलसचिव बनाकर सरंक्षण दिया। अधिकांश मामलो में डॉ. वर्मा फेल रहे, जिसकी चर्चा अब विश्वविद्यालय में शुरू हो गई है.. हालाँकि वे अभी महीने भर कुलपति बने रहेंगे।
