रायपुर 27 अक्टूबर 2022: हल्की ठंड के बीच शहर में मच्छर जनित बीमारी डेंगू ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। घनी बस्ती, झुग्गी-झोपड़ी वाले इलाके में डेंगू के प्रकोप की सबसे अधिक शिकायतें सामने आ रही हैं। हालत यह है कि घर-घर में लोग बुखार से पीडि़त हैं। ऐसी परिस्थितियों के बाद भी निगम का अमला बेपरवाह बना हुआ है।
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हालांकि रायपुर नगर निगम की स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू जैसी बीमारी से निपटने के लिए विशेष सतर्कता बरतने की बात कह रही है। स्वास्थ्य अधिकारी का दावा है कि जनवरी से अब तक डेंगू के 30 मरीज ही सामने आए हैं। फिलहाल सभी स्वस्थ हैं।
स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय
इस सप्ताह सिर्फ एक मरीज मिला है, उसकी स्थिति खतरे से बाहर है। निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय ने बताया कि महापौर एजाज ढेबर और निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी के निर्देश पर डेंगू पर विशेष नजर रखी जा रही है। मलेरिया विभाग के डा. कुमार सिंह से लगातार संपर्क रखा जा रहा है।
उनसे जानकारी मिली है कि सप्ताह भर पहले तक पूरे रायपुर जिले में जनवरी से अभी तक 50 मरीज मिले थे। उनमें से 29 रायपुर शहरी क्षेत्र के थे। इस सप्ताह एक और मरीज में इसकी शिकायत पाई गई। एलाइजा टेस्ट से पुष्टि हो गई कि वह डेंगू से पीडि़त है। इसके बाद उसे दवा दे दी गई। अब वह खतरे से बाहर है।
डेंगू के फैलाव को लेकर बेहद चिंतित
निगम के एमआइसी सदस्य नागभूषण राव भी शहर में डेंगू के फैलाव को लेकर बेहद चिंतित हैं और स्वास्थ्य अमले की एक-एक दिन की कार्रवाई की लगातार मानिटरिंग कर रहे हैं। उनके निर्देश पर डेंगू से निपटने के लिए कचरे और गंदे पानी से अटे पड़े नाले-नालियों की युद्धस्तर पर साफ- सफाई कर उनमें दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
साथ ही लोगों को डेंगू से बचने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है। निगम क्षेत्र के अलावा आउटर के इलाके में डेंगू से पीडि़त मरीज आंबेडकर अस्पताल, जिला अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं। शहर के रामनगर, कोटा, कुकुरबेड़ा, गुढिय़ारी, बड़ा अशोकनगर, खमतराई, भनपुरी, संतोषीनगर, बोरियाखुर्द, डूंडा, मोवा, दलदल सिवनी, शक्तिनगर, तेलीबांधा श्यामनगर, अमलीडीह और आउटर के सेजबहार इलाके में डेंगू का प्रकोप फैल रहा है।
मच्छर अपना असर दिखा रहे हैं
समय रहते निगम का अमला अलर्ट होकर सर्तकर्ता नहीं बरतता है तो हालत बेकाबू होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। अधिकारियों का कहना है कि बरसात खत्म होने के साथ ही डेंगू-मलेरिया के मामले कम होने लगते हैं, लेकिन इस बार देर तक बरसात होने से ताजा पानी जमा हुआ है। इसमें मच्छरों को प्रजनन का अनुकूल माहौल मिल गया। अब वही मच्छर अपना असर दिखा रहे हैं।
पांच हजार घरों के कूलर, कंटेनगर में जमा पानी खाली कराया। निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विजय पांडेय का कहना है कि वर्षा के मौसम के बाद ठहरे हुए पानी में डेंगू के मच्छर पनपते हैं। हालांकि सितंबर तक डेंगू का प्रकोप खत्म हो जाता है, लेकिन इस बार अक्टूबर में डेंगू से पीडि़त मरीजों के मिलने से जोन स्तर पर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करने के साथ प्रभावित इलाके के पांच हजार घरों के कंटेनर और कूलर में भरे पानी को निगम के अमले ने खाली करवाया है। लोगों को इसके लिए जागरूक भी कर रहे हैं।
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