चोरी और सीनाजोरी: पहले किया करोडो का गबन, अब सीईओ के खिलाफ खोला मोर्चा

स्वतंत्र बोल
रायपुर 16 सितंबर 2024.  राजधानी के जिला सहकारी बैंक के सीओडी शाखा में करोडो के गबन करने वाले कर्मियों पर बैंक प्रबंधन मेहरबान है, फर्जीवाड़े में शामिल कर्मियों का ना तो सस्पेंशन हुआ ना ही अपराध दर्ज हुआ है, सरकारी खजाने को चुना लगाने वाले दो दर्जन से अधिक कर्मचारी अभी भी उसी शाखाओ में काम कर रहे है, जहा से उन्होंने बैंक को चुना लगाया है। उधर बैंक के नवनिर्वाचित कर्मचारी संघ ने जिला सहकारी बैंक के सीईओ अपेक्षा व्यास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारी संघ के विवादित अध्यक्ष मोहन साहू सहित पदाधिकारियों ने अपेक्षा व्यास पर भ्रष्टाचार और आर्थिक अनियमितताओं में शामिल होने पर उन्हें तत्काल हटाने की मांग की है।

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गड़बड़ी पर पर्दा डालने की कवायद-
इस पुरे घटनाक्रम को ऐसे समझा जा सकता है कि सीओडी ब्रांच में करोडो की गड़बड़ी हुई, गड़बड़ी में 22 अधिक कर्मचारी शामिल है, जिन्होंने अपने आईडी पासवर्ड का उपयोग कर करोडो रुपये का गबन किया। स्वतंत्र बोल ने मामले को प्रमुखता से उठाया तो प्रशासन हरकत में आया और फरार तीन आरोपितों में से दो की गिरफ्तारी हुई, तीसरा अभी भी फरार है। बैंक प्रबंधन को दोषी कर्मियों पर एफआईआर कर सस्पेंड करना था, पर ऐसा नहीं किया गया।

सीईओ अपेक्षा व्यास

बैंक सीईओ श्रीमती व्यास ने कर्मचारी नेता मोहन साहू सहित चार कर्मियों का तबादला अन्यत्र किया तो कर्मचारी संघ सीईओ के खिलाफ हो गए है। जिन कर्मियों पर करोडो रुपये के गबन का आरोप है, उन्होंने स्वयं के बचाव के लिए सीईओ को हटाने की मांग की है। यह सही है कि सीईओ अपेक्षा व्यास पर आर्थिक अनियमितता के बेहद गंभीर आरोप है, उन्होंने सरकारी धन का दोहन किया है और उनकी 15 से अधिक शिकायते जाँच में पेंडिंग है। सभी शिकायते साल भर पुरानी है, और जाँच जारी है। सीईओ व्यास ने जिन कर्मियों को बचाने प्रयास किया, वही सीईओ को हटाने की मांग कर रहे है।

कार्यवाही नहीं, हौसले बुलंद-


जिन कर्मियों ने जिला सहकारी बैंक को करोडो का चपत लगाया, उन पर कार्यवाही नहीं होने से उनके हौसले बुलंद है। वे मजे से उन्ही शाखाओ में काम कर रहे जहाँ करोडो का गबन किया है। मोहन साहू के खाते में भी 18 लाख रुपये ट्रांसफर हुआ है, उसके बाद भी उस पर कार्यवाही नहीं हुई.. अगर समय रहते घोटालेबाजो पर कार्यवाही होती तो संभवतः सीईओ के खिलाफ मोर्चा नहीं खुलता और ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती।

 

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