स्वतंत्र बोल
रायपुर 02 फरवरी 2024. पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के प्रभारी और भ्रष्ट उपकुलसचिव शैलेन्द्र पटेल पर सत्ता परिवर्तन के बाद भी अब कार्यवाही की उम्मीद जगी। कांग्रेस सरकार में पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल के रिश्तेदार बनकर विभागीय अफसरों को आँख दिखाने वाले उपकुलसचिव पर कई स्तर की जाँच के बाद भी उच्च शिक्षा विभाग कार्यवाही करने में अक्षम रहा है। दरअसल पूर्व की कांग्रेस सरकार में उपकुलसचिव पटेल का तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री का वरदहस्त रहा।
मंत्री के कृपा पात्र होने का जमकर लाभ उठाया, विभागीय अफसरों की माने तो पटेल के आतंक से उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों में भय का माहौल था। विभाग में आतंक इतना था कि आयुक्त और सचिव चाहकर कार्यवाही नहीं कर पाए, अफसरों को कोर्ट में घसीटने और विभागीय मंत्री के यहाँ पेशी कराने से अधिकारियो में भय का माहौल रहा। शैलेन्द्र पटेल के खिलाफ तीन अलग अलग जाँच समितियों विधिवत जाँच की और रिपोर्ट शासन को भेजा पर कार्यवाही नहीं हुई.. शासन से फाइल मंत्री बंगले अनुमोदन के लिए जाती पर महीनो नहीं लौटती। अब सत्ता परिवर्तन के बाद कार्यवाही की उम्मीद जगी है।
गबन घोटाले के आरोपी बने गवाही-
उपकुलसचिव शैलेन्द्र पटेल ने अपने भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा में पर्दा डालने अनेको उपाय किये। पुलिस में झूठी शिकायत की, षड्यंत्रपूर्वक संपादक पर एफआईआर कराया, गिरफ्तारी के लिए हरसंभव कोशिशे की। ऐसे लोगो से गवाह बनाया जो खुद गबन और घोटाले के आरोप में जिला न्यायालय से दोषी सिद्ध हुए है। गंभीर आपराधिक कृत्य में शामिल और नियुक्ति के बाद आज तक पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराने वाले कर्मियों को पटेल ने गवाह बनाया है। जब फाइलों से धूल हटने लगी तो सबका नंबर आएगा।
