राजस्व मंत्री के क्षेत्र का हाल: अफसरो ने सरकारी जमीन भू-माफिया को देने शासन को लिखा पत्र..

स्वतंत्र बोल
26 जनवरी 2024.  जब बाड़ ही की खेत खाने लगे तो रखवाली कौन करे.. राजस्व अमला निजी और सरकारी जमीनों के बंदरबांट में जुटा हुआ है। जिन अधिकारियों पर सरकारी भूमि सरंक्षण की जिम्मेदारी है वही सरकारी जमीनों को भूमाफियाओ के अघोषित पार्टनर बन गए है। मामला राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के क्षेत्र तिल्दा का है जहाँ राजस्व अफसरों के सरंक्षण में नाले को पाटकर सड़क किनारे की सरकारी भूमि पर अवैध कब्ज़ा किया जा रहा है।

जानकारिनुसार तिल्दा में बीएनपी स्कूल से कोहका रोड में सड़क किनारे दस हजार वर्गफीट से अधिक जमीन पर कब्ज़ा कर भूमाफियां ने शासन से मांग की है। अवैध कब्ज़ा को बेदखली करने की बजाये राजस्व अफसर भूमाफियां को शह दे रहे, अफसरो ने भूमाफिया को ज़मीन दिलाने शासन को पत्र लिखा है। जिसके अनुसार पटवारी हल्का नंबर 14 स्थित प्रचलित आबादी भूमि खसरा क्रमांक 320/2 का भाग रकबा 0.069 हेक्टेयर को राजकुमार भिखवानी को देने शासन को पत्र लिखा है। अफसरो ने पत्र में लिखा कि
“राजकुमार द्वारा 7500 वर्गफुट जमीन पर मकान बनाकर उपयोग उपभोग किया जा रहा है, छत्तीसगढ़ शासन राजस्व विभाग द्वारा आबादी भूमि का व्यवस्थापन किये जाने हेतु आवेदन किया गया है।” जबकि जिस जमीन पर राजस्व अधिकारियो ने मकान बनाये जाने की जानकारी शासन को दी है वहा ना तो कोई मकान है ना ही कोई निर्माण.. सिर्फ मुरम डालकर जमीन को समतल; किया गया है। उसके लिए सरकारी नाले को पाटकर बंद कर दिया गया।
दरअसल उस सरकारी जमीन के पीछे राजकुमार भिखवानी की जमीन है जिसे रास्ता देने के लिए अधिकारियो ने प्रपंच किया है।
शमशान की जमीं को नही छोड़ा-
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भूमाफियां ने तिल्दा क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गाँवों जमीनों पर बलात कब्ज़ा किया हुआ है, जिसकी शिकायत कलेक्टर से हुई है। उसने खरोरा रोड स्थित मंगलम पेट्रोल पंप के पास, व्यवहार न्यायालय के पीछे और वार्ड 22 स्थित मुक्तिधाम की जमीन को कब्ज़ा किया हुआ है। ऐसे में आगामी दिनों में कफ़न दफ़न के लिए भूमि की कमी होगी। तिल्दा निवासी सूरज ने बताया कि तहसीलदार और एसडीएम को भूमाफिया ने प्लाट गिफ्ट किया है, जिओसके चलते एफआईआर की बजाये भूमाफिया को सरंक्षण दे रहे है।

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