बाल संप्रेषण गृह बना नशे का अड्डा: सुधरने की बजाये बिगड़ रहे किशोर, नशे का सामान सप्लाई कर रहे जिम्मेदार… विभागीय अधिकारी मौन।

‘स्वतंत्र बोल’
रायपुर 15 जुलाई 2023.  राजधानी के जिस बाल सम्प्रेषण गृह में नशे का सामान बरामद किया गया, वहा पहले भी नशे मोबाइल बरामद हो चुका है। चार महीने पहले बाल संप्रेषण गृह के भीतर से जघन्य अपराधों में शामिल युवाओ ने वीडियो बनाकर चेतावनी दिया था, तब भी विभागीय अफसरों ने गंभीरता नहीं दिखाया। तब जाँच के दौरान युवको से नशे के सामानों के साथ मोबाइल।,उसका चार्जर और प्रतिबंधात्मक वस्तुए बरामद की गई थी। बताते है कि तब प्रभारी अधिकारी 15 दिनों छुट्टी पर भेज दिया गया था, और मामला शांत होते ही लौट आया। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कार्यवाही के नाम पर नोटिस तक जारी नहीं कर पाई थी, जबकि पूरी जिम्मेदारी डीपीओ की होती है।

बाल सरंक्षण विभाग के कर्मी ही बाल अपराधियों को पहुंचा रहे नशे का सामान, होमगार्ड सहित पांच पर एफआईआर।

जानकारीनुसार माना में एक ही कैम्पस में बाल संप्रेषण गृह और प्लेस ऑफ़ सेफ्टी संचालित है। प्लेस ऑफ़ सेफ्टी में जघन्य अपराधों में शामिल किशोरों को रखा जाता है जबकि बाल सम्प्रेषण गृह में सामान्य अपराधों शामिल किशोरों को। विश्वसनीय जानकारीनुसार दोनों ही जगहों ने किशोरों को मोबाइल और नशे का सामान स्थानीय कर्मियों की सहायता से मिलता है, जिसके बदले कर्मियों को आर्थिक लाभ पहुंचाया जाता है। बाल गृह में नशे का सामान परोसने में सुरक्षाकर्मी देवनाथ चंद्राकर के साथ परिवीक्षा अधिकारी मनीष सोनी और प्रभारी डीसीपीओ संजय निराला भूमिका भी संदिग्ध है, जिसकी जाँच होने पर बड़े खुलासे हो सकते है।

 

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